बेघरों के घर बनाने केन्द्र ने नहीं दी कोई निधि, कोरोना वैक्सीन भी आसानी से मुहैया कराने की मांग

Center did not provide any funds for the homeless, Corona vaccine is also sought to be provided easily
बेघरों के घर बनाने केन्द्र ने नहीं दी कोई निधि, कोरोना वैक्सीन भी आसानी से मुहैया कराने की मांग
बेघरों के घर बनाने केन्द्र ने नहीं दी कोई निधि, कोरोना वैक्सीन भी आसानी से मुहैया कराने की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार शहरों में निराश्रित लोगों के लिए आश्रय गृह निर्मांण करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। यहीं वजह है कि इस काम के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के तहत जारी की गई निधि पूरी खर्च नहीं कराए जाने के कारण केन्द्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य को कोई निधि जारी नहीं की है।
केन्द्र की ओर से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी बेघरों के लिए आश्रय गृह निर्माण के लिए राज्यों को निधि आवटित की जाती है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार को पिछले तीन वर्षों के दौरान बेघरों के लिए 132  आश्रय गृह निर्माण कराने थे, लेकिन सिर्फ 53 ही आश्रय गृह बनाए गए। आंकडों के अनुसार वर्ष 2017-18 में 56 आश्रय गृह बनाने थे, बनाए गए 18। 2018-19 में 57 में से 36 और 2019-20 में 19 में से केवल 9 आश्रय गृह बनाए गए। मंत्रालय के मुताबिक इन वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने आश्रय गृह के निर्माण पर पूरी राशि खर्च नहीं की है। खर्च नहीं की गई राशि सरकार के पास उपलब्ध होने के कारण गत तीन वर्षों में डीएवाई-एनयूएलएम के तहत राज्य राशि जारी नहीं की गई है।

सांसद चतुर्वेदी ने कोरोना वैक्सीन आसानी से मुहैया कराए जाने पर लिखा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र

शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कोरोना वैक्सीन को देशभर में आसानी से मुहैया कराए जाने के संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मंत्री का इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है कि भारत वैक्सीन मैत्री के माध्यम से दुनिया के देशों को वैक्सीन मुहैया करा रहा है, लेकिन सामान्य लोगों को यह आसानी से उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के हवाले से वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर कहा कि हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से नहीं मिल पाई है। आंकडे बताते है कि वर्कर्स को 31.45 प्रतिशत कोवीशील्ड और 11.75 प्रतिशत कोवैक्सीन लग पाई है। उन्होंने सवाल करते हुए लिखा है कि क्या हमें वैक्सीन मुहैया कराने की रणनीति में बदलाव नहीं करना चाहिए। चतुर्वेदी ने पत्र में कोविन (Co-Win) ऐप में खामियों का भी जिक्र किया है और इसमें आ रही दिक्कतों को सुधारने की मांग की। उन्होंने अपने पत्र में केन्द्रीय मंत्री से अपील की कि वैक्सीनेशन अभियान में निजी अस्पतालों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि आम व्यक्ति के साथ सबको आसानी से वैक्सीन मिल सके। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि वैक्सीन की कीमत सरकार तय करें, ताकि ज्यादा दाम पर इसे बेचा नहीं जा सके।
 

 

Created On :   19 Feb 2021 4:47 PM GMT

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