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आस्था का केंद्र : नगरदेवी मानी जाती हैं आग्याराम देवी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नगर देवी के रूप में विख्यात मां आग्याराम देवी रघुजी राजे भोसले की कुलदेवी थी। भोसले राजा हर पर्व पर गणेशपेठ स्थित आग्याराम देवी के दरबार में आते थे। मां के दर्शन कर और उनका आशीर्वाद लेकर ही राजा भोसले लड़ाई के लिए रणभूमि में जाते थे। गणेशपेठ स्थित आग्याराम देवी मंदिर करीब 300 साल प्राचीन माना जाता है। राजे रघुजी भोसले की कुलदेवी होने के कारण भोसले शासनकाल में मां को नगरदेवी का दर्जा प्राप्त था। भोसले राजा ने मंदिर के लिए 6 एकड़ 86 डिसमिल जमीन आरक्षित की थी। कुलदेवी होने के कारण हर छोटे बड़े पर्व पर भोसले राजा अपने साजो सामान के साथ मां के दरबार में हाजिरी लगाते थे।
भव्य मंदिर साकार
मंदिर के सुचारू संचालन के लिए सन 2009 में आग्याराम देवी मंदिर ट्रस्ट का गठन किया गया। रामचंद्र पिल्लारे के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी ने मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य मंदिर साकार किया। मंदिर पर सोने का कलश चढ़ाया गया है। गर्भगृह का दरवाजा चांदी से बनाया गया है जिस पर आकर्षक नक्काशी की गई है।
चांदी का गर्भगृह
ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश व्यास ने बताया कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के तहत 2019 में दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर मां को चांदी के गर्भगृह में विराजित किया गया जिससे मां का दरबार जगमगा उठा है। 70 किलो चांदी से कोल्हापुर के कलाकारों ने दो महीने में मां का दरबार तैयार किया है। मां के चांदी के सिंहासन का काम चल रहा है। मंदिर के सामने शेरों के लिए भी चांदी का सिंहासन बनाया जाएगा।
‘ब’ तीर्थक्षेत्र का दर्जा
राज्य सरकार द्व्रारा ‘ब’ तीर्थक्षेत्र का दर्जा प्राप्त आग्याराम देवी मंदिर परिसर में कार्यक्रमों के लिए हॉल का निर्माण किया गया है। नवरात्र में हर वर्ष यहां अखंड ज्योत प्रज्वलित होती है। भक्तों की सुविधा के लिए अखंड ज्योत हॉल का निर्माण किया जाएगा।
Created On :   19 Feb 2020 3:10 PM IST