किसानों के साथ आंतकियों जैसा व्यवहार कर रहा केंद्र - राऊत

Center treating farmers like terrorists - Sanjay Raut
किसानों के साथ आंतकियों जैसा व्यवहार कर रहा केंद्र - राऊत
किसानों के साथ आंतकियों जैसा व्यवहार कर रहा केंद्र - राऊत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद राऊत ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के लिए किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए उनसे आंतकियों की तरह व्यवहार हो रहा है। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों को खालिस्तानी और विभाजनकारी कहना देश के अन्नदाता का अपमान है। 

पवार और खड़गे के बीच हुई थी तीखी बहस

साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी की सरकार के गठन के समय विधानसभा के अध्यक्ष पद को लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस हुई थी। जिसके बाद पवार गुस्से से उठकर बैठक से चले गए थे। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के अपने साप्ताहिक स्तंभ रोखठोक में यह खुलासा किया है। राऊत ने कहा कि महाविकास आघाड़ी में सत्ता के बंटवारे को लकेर 22 नवंबर 2019 को मुंबई के नेहरू सेंटर में हुई बैठक  में खड़गे ने पूछा था कि विधानसभा का अध्यक्ष पद किस दल के पास जाएगा? अध्यक्ष पद राकांपा के पास नहीं जाना चाहिए। इस पर पवार और खड़गे के बीच तीखी बहस हुई। पवार इतने खफा हुए कि वे गुस्से में टेबल से कागज समेटकर निकलने लगे। उसी बैठक में पवार ने महाविकास आघाड़ी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उद्धव ठाकरे का नाम सुझाया था लेकिन खड़गे और पवार के बीच हुई बहस से बैठक की रौनक बदल गई। 

अजित पवार का दर्शन सीधे राजभवन में हुआ  

राऊत ने कहा कि बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता तथा वर्तमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार काफी समय तक सिर झुकाकर अपने मोबाइल फोन में चैंटिंग कर रहे थे। पवार के जाने के बाद अजित भी बैठक से बाहर निकल गए। फिर बाद में उन्होंने अपना फोन भी बंद कर दिया था। इसके बाद दूसरे दिन 23 नवंबर को अजित का दर्शन सीधे राजभवन में हुआ। जहां पर वे भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेकर रहे थे। राऊत ने कहा कि शपथग्रहण के दौरान मुझे एक फोन आया कि शिवसेना के नेतृत्व में सरकार नहीं बन रही है। अजित ने राकांपा तोड़ दी है। राकांपा और पवार परिवार ने भी फूट की बात सोशल मीडिया में स्वीकार कर ली है। इस पर मैंने कहा था कि अजित घुटन के बाद वापस लौटेंगे। 80 घंटे में  फडणवीस सरकार के गिरने के बाद अजित वापस लौट आए। राऊत ने कहा कि यह दावा गलत है कि फडणवीस और अजित के गठजोड़ की सरकार के शपथग्रहण से पहले दिल्ली में शरद पवार और भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच बैठक हुई थी। ऐसी अफवाहों पर मैं विश्वास नहीं रखता। राऊत ने कहा कि मुझे पवार ने बताया था कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के प्रस्ताव आ रहे हैं लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कह दुंगा कि मेरे लिए भाजपा के साथ सरकार बनाना संभव नहीं है। जिसके बाद किसानों की समस्या पर मोदी के साथ हुई बैठक में पवार ने उन्हें साफ कर दिया था कि उनके लिए भाजपा के साथ सरकार बनाना संभव नहीं है।  

 

Created On :   29 Nov 2020 7:22 PM IST

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