उद्धव के सामने विधान परिषद सदस्यों को टूटने से बचाने की चुनौती

डिजिटल डेस्क, अमित कुमार, मुंबई। विधानसभा में शिवसेना के 40 विधायकों के टूटने के बाद शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामने अब विधान परिषद में पार्टी को टूटने से बचाने की बड़ी चुनौती है। यदि ठाकरे गुट में टूट हुई तो विधान परिषद में शिवसेना को विपक्ष के नेता पद हासिल करने का मौका हाथ से फिसल सकता है। विधानसभा के दो-तिहाई विधायकों को तोड़ने के बाद शिंदे गुट अब विधान परिषद के सदस्यों में सेंध लगाने की तैयारी में है। शिवसेना के लोकसभा के कई सांसद शिंदे गुट के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि विधान परिषद में शिवसेना के मौजूदा सदस्य ठाकरे परिवार के विश्वासपात्र नेता हैं।
आगामी 18 जुलाई से विधानमंडल का मानसून अधिवेशन शुरू होगा। ऐसी स्थिति में ठाकरे के सामने उच्च सदन में पार्टी का अस्तित्व बचाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे को मिलाकर विधान परिषद में फिलहाल शिवसेना के 11 सदस्य हैं। जबकि शिवसेना को 1 निर्दलीय सदस्य का समर्थन है। उच्च सदन में मौजूदा संख्याबल के अनुसार महाविकास आघाड़ी में एक निर्दलीय सदस्य को मिलाकर राकांपा के 11 सदस्य हैं। जबकि कांग्रेस के 9 सदस्य हैं। विधानसभा में विपक्ष का नेता पद राकांपा के पास है। राकांपा ने विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर को पद पर कायम रखने के संकेत दिए हैं। हालांकि विधान परिषद में सबसे ज्यादा भाजपा के 24 सदस्य हैं। इस लिहाज से भाजपा सभापति पद पर दावा कर सकती है। सभापति के बाद उच्च सदन में नेता विपक्ष पद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में महाविकास आघाड़ी के दो सहयोगी दल कांग्रेस और शिवसेना विपक्ष के नेता पद के लिए दावेदारी करेगी। सदन में फिलहाल कांग्रेस की तुलना में शिवसेना का संख्याबल अधिक है। लेकिन विधान परिषद में शिवसेना के सदस्य टूटते हैं तो पार्टी की विपक्ष का नेता पद पर दावेदारी को झटका लग सकता है।
उद्धव की सीट को दोबारा जीतना बेहद मुश्किल
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद सदस्य के रूप में भी त्याग पत्र दे दिया है। उद्धव का विधान परिषद का कार्यकाल 13 मई 2026 तक था। मगर उद्धव के इस्तीफे के चलते इस सीट पर आगामी समय में उपचुनाव होगा। उद्धव विधान सभा के सदस्यों द्वारा विधान परिषद में निर्वाचित हुए थे। फिलहाल शिंदे सरकार के पास विधान सभा में स्पष्ट बहुमत है। इससे इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ दलों की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
विधान परिषद में शिवसेना के मौजूदा सदस्य
विधान परिषद में शिवसेना के सदस्यों में मनीषा कायंदे, नीलम गोर्हे, दुष्यंत चतुर्वेदी, नरेंद्र दराडे, अंबादास दानवे, अनिल परब, सचिन अहिर, विलास पोतनीस, विप्लव बाजोरिया, सुनील शिंदे और आमश्या पाडवी का समावेश है। जबकि निर्दलीय किशोर दराडे शिवसेना समर्थित सदस्य हैं।
विधान परिषद में नहीं टूटेंगे विधायक- दानवे
शिवसेना के विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि मुझे विश्वास है कि उच्च सदन के विधायक नहीं टूटेंगे। शिवसेना के विधान परिषद के सभी सदस्यों का ठाकरे के नेतृत्व में विश्वास है। मानसून सत्र में शिवसेना के सभी सदस्य एकजुट नजर आएंगे। दानवे ने कहा कि मानसून अधिवेशन की नई तारीख की घोषणा के बाद सदन में कामकाज के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई जाएगी।
Created On :   6 July 2022 9:18 PM IST