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चतुर्वेदी का स्वागत : बड़ी संख्या में जुटे समर्थक, बोले - बेटे दुष्यंत का निर्णय व्यक्तिगत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस से निलंबन रद्द होने के बाद पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी पहली बार शहर में पहुंचे। शुक्रवार की शाम को विमानतल पर उनके स्वागत के लिए उनके समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे। भव्य स्वागत किया गया। चतुर्वेदी ने कहा है कि निलंबन के समय भी वे कांग्रेस में ही मन से रहे हैं। कार्यकर्ताओं में उन्हें अब नया उत्साह दिख रहा है। मनपा चुनाव के समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण पर चतुर्वेदी समर्थक ने स्याही फेंकी थी। उसके बाद चतुर्वेदी व उनके समर्थक कुछ नगरसेवकों पर संगठन विरोधी कार्य करने का आरोप लगा था। चव्हाण ने उनके निलंबन की सिफारिश की थी। उन्हें 6 वर्ष के लिए निलंबित किया गया था। उसके बाद शहर कांग्रेस में फूट पड़ी थी। निलंबन रद्द किए जाने के बाद चतुर्वेदी इंडिगो विमान से पहली बार शहर में पहुंचे। सैकड़ोें समर्थक उनके स्वागत के लिए विमानतल पर पहुंचे। चतुर्वेदी ने पुष्पहार स्वीकारकर समर्थकों का आभार माना। बाद में सांई मंदिर में दर्शन के बाद वे सिविल लाइन स्थित अपने निवास स्थान के लिए रवाना हुए। मनपा के नेता प्रतिपक्ष तानाजी वनवे, नगरसेवक कमलेश चौधरी, नगरसेवक दिनेश यादव, नगरसेवक मानवटकर, नगरसेवक पुरुषोत्तम हजारे, नगरसेवक किशोर जिचकार, नगरसेवक आएशा अंसारी, कुणाल राऊत, सतीश पेंदाम, नितीन कुंभलकर, नरेंद्र जिचकार, कांता पराते, शेवंता तेलंग, संजय दुधे, राजेश जरगर, नीरज चौबे,दीपक कापसे, घनश्याम मांगे, यशवंत कुंभलकर, सुभाष खोडे सहित अन्य कार्यकर्ता स्वागत करनेवालों में शामिल थे।
कांग्रेस में ऊर्जा लाएंगे
सतीश चतुर्वेदी ने कहा कि निलंबन के समय भी वे मन से कांग्रेस में ही रहे हैं। पार्टी विरोधी कोई कार्रवाई नहीं की है। कांग्रेस नेता व पदाधिकारी साथ में थे। पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से नियमित मिलना जुलना रहा है। मेरे फिर से पार्टी में लौटने से कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है। कांग्रेस में ऊर्जा लाने के लिए मिलजुलकर कार्य करेंगे। कांग्रेस में नई चेतना लाएंगे।
दुष्यंत का निर्णय व्यक्तिगत
पुत्र दुष्यंत के शिवसेना में प्रवेश के बारे में सतीश चतुर्वेदी ने कहा कि दुष्यंत का व्यक्तिगत निर्णय है। लोकतंत्र में सभी को स्वयं निर्णय लेने का अधिकार है। जो मतदान करता है उसे अपनी पसंद का राजनीतिक दल चुनने का अधिकार है। दुष्यंत ने अपना मार्ग चुना है। पार्टी को लेकर हम दोनों में मतभेद नहीं है। दुष्यंत अपना काम करेगा, मैं अपना काम करुंगा। उसपर किसी तरह का बंधन नहीं लादेंगे। मैं पक्का कांग्रेसी हूं, कांग्रेसी ही रहूंगा।
Created On :   30 Aug 2019 10:20 PM IST