मुख्य न्यायाधीश ने सीबीईआई निदेशक के खिलाफ दायर याचिका से खुद को किया अलग

Chief Justice recuses himself from the petition filed against CBEI Director, Duttas complaint
मुख्य न्यायाधीश ने सीबीईआई निदेशक के खिलाफ दायर याचिका से खुद को किया अलग
हुई थी शिकायत  मुख्य न्यायाधीश ने सीबीईआई निदेशक के खिलाफ दायर याचिका से खुद को किया अलग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली खंडपीठ ने गुरुवार को सीबीआई के निदेशक सुबोध जायसवाल की नियुक्ति को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनवाई से खुद को दूर कर लिया है। मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने यह कदम उनके खिलाफ भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन को भेजी गई शिकायत के मद्देनजर उठाया है। महाराष्ट्र पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त राजेंद्र त्रिवेदी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई के निदेशक जायसवाल की नियुक्ति को चुनौती दी है। गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें 22 मार्च 2022 को पता चला है कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मेरी शिकायत की है। इससे पहले एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू व अनिल सिंह ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक तय तारीख दिए जाने की मांग को लेकर याचिका का उल्लेख किया। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने उपरोक्त बात कही और कहा कि चूंकि मेरे खिलाफ शिकायत की गई है इसलिए मेरा इस याचिका पर सुनवाई उचित नहीं होगा। इस दौरान खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करनेवाले अधिवक्ता सतीश तलेकर से कहा कि आपकों इस शिकायत के बारे में जानकारी न हो लेकिन आपके मुवक्किल ने पत्र लिखा है। इस पर श्री तलेकर ने कहा कि मुझे इस पत्र के बारे में जानकारी नहीं है। मेरे मुवक्किल मुझ से इस तरह का कोई पत्र लिखने से इनकार कर रहे हैं। हालांकि केद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनर अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट की खंडपीठ पर पूरा विश्वास है इसलिए वे इस मामले की सुनवाई को जारी रखें। आज कल इस तरह के पत्र लिखने का चलन हो गया है ताकि वे अपनी याचिका को दूसरी खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए लगवा सके। 

पत्र लिख कर छवि खराब करना आसान काम 

वहीं अधिवक्ता तलेकर ने कहा कि यदि मुख्य न्यायाधीश दत्ता मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते है तो उन्हें खुशी होगी। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि पत्र लिखकर किसी कि छवि को खराब करना काफी आसान काम हो गया है। इसलिए यह उचित होगा कि अन्य खंडपीठ इस याचिका पर सुनवाई करे। क्योंकि न्याय होते हुए दिखना चाहिए। 

 

Created On :   28 July 2022 9:12 PM IST

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