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पवित्र सिद्धा पर्वत की स्थिति पर मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क,सतना। चित्रकूट के 84 कोसीय तपोवन क्षेत्र में श्रीराम वन गमन पथ पर स्थित पवित्र सिद्धा पर्वत में खदान खोलने की कोशिश के भारी विरोध के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां वस्तु स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है, वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि सरकार किसी की धार्मिक आस्था पर कुठाराघात नहीं होने देगी। गृहमंत्री ने कहा कि मामला सीएम के संज्ञान में है। वह भी संपर्क में है। उन्होंने कहा कि वैसे भी राम, शिव के आराध्य हैं। इसी बीच गुरुवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने सिद्धा कोठार पहुंच कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली।
मझगवां के एसडीएम पीएस त्रिपाठी और तहसीलदार नितिन झोड़ भी साथ में थे। कलेक्टर-एसपी तकरीबन 30 मिनट तक मौके पर रहे।
डीएमओ और पीसीबी से भी मांगी गई रिपोर्ट-
सूत्रों के मुताबिक सिद्धा पर्वत में बाक्साइट और लेटेराइट के उत्खनन की अनुमति से जुड़े इस मामले में कलेक्टर ने जिला खनिज अधिकारी (डीएमओ) एचपी सिंह और एमपी पीसीबी के आरओ केपी सोनी से भी विभागीय रिपोर्ट मांगी है। डीएमओ 2 सितंबर को स्थल निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट सौंपेगे। उल्लेखनीय है, जैतवारा की मेसर्स राकेश एजेंसी की ओर कटनी के खनिज कारोबारी सुरेन्द्र सिंह सलूजा ने मझगवां तहसील की अमरती पंचायत के सिद्धा कोठार गांव की 12.16 हेक्टेयर (आराजी नंबर 96/1) बाक्साइट और लेटराइट खदान में से 2 हेक्टेयर पर उत्खनन के लिए 5 साल का माइनिंग प्लान देते हुए सिया (स्टेट इनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथारिटी) से ईसी (इनवायरमेंट क्लीयरेंस) मांगी है। आरोप है कि जिस राकेश एजेंसी को सिद्धा पर्वत पर खनिज के उत्खनन की अनुमति देने की तैयारी है, उसी राकेश एजेंसी के खिलाफ ईसी के नियमों के उल्लंघन के खिलाफ एमपी पीसीबी के परिवाद पर सीजेएम की कोर्ट में वर्ष 2016 से आपराधिक कृत्य का प्रकरण विचाराधीन है।
आखिर, इतना विरोध क्यों-
राज्य शासन द्वारा चिन्हित चित्रकूट के श्रीराम वन गमन पथ पर स्थित पवित्र सिद्धा पर्वत से लाखों-लाख हिंदू आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। इस पर्वत का वर्णन आदिकवि वाल्मीकि की रामायण एवं तुलसीकृत श्रीराम चरित मानस में विस्तार से मिलता है। इन्हीं आधारों पर दृढ़ जनविश्वास है कि तेत्रायुग में ऋषियों की अस्थियों के समूह देख कर द्रवित वनवासी राम ने धरा से असुरों के नाश का संकल्प लिया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी पहले ही अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।
चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, रैगांव विधायक कल्पना वर्मा और कांगे्रस के ही सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा भी लामबंद हैं। सभी ने भाजपा सरकार को आड़े लेते हुए कहा कि सरकार एक तरफ श्रीराम वन गमन पथ के विकास की हवा हवाई बातें करती है और दूसरी ओर खनिज कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रीराम से जुड़ी पुरातन धरोहरों का अस्तित्व मिटा देना चाहती है। जवाब में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस भ्रम फैला रही है।
Created On :   2 Sept 2022 1:01 PM IST












