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दैनिक भास्कर हिंदी: बड़े पैकेज पर जॉब कर रहे हैं नक्सलियों के बच्चे, उच्च शिक्षा लेकर कोई बनना चाहता है डाक्टर तो कोई वकील

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। नक्सल आंदोलन का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ नक्सलियों के बच्चे उच्च शिक्षा ले रहे हैं। कई नक्सलियों के बच्चे उच्च शिक्षित होकर बड़ी कंपनियों में बड़े पैकेज पर जॉब भी कर रहे हैं। हाल ही में सरेंडर करने वाले पहाड़सिंग नामक खूंखार नक्सली की बेटी छत्तीसगढ़ में बीएससी की शिक्षा लेने की जानकारी मिली है। पहाड़सिंग ऊर्फ टीपू सुलतान ऊर्फ बाबूराव तोफा इस नाम से पहचाने जाने वाले पहाड़सिंग का सही नाम कुमारसाय कतलामी है। वह छग के राजनांदगांव जिले के फाफामार गांव निवासी है। हाल ही में उसने छग पुलिस के सामने सरेंडर किया है।
यहां बता दें कि, नक्सलियों के उत्तर गोंदिया-गड़चिरोली विभागीय समिति का सदस्य रह चुका पहाड़सिंग पर गड़चिरोली जिले में 50 से अधिक गंभीर मामलों में अपराध दर्ज हैं। वर्ष 2013 में जिले के तत्काल पुलिस अधिक्षक सुवेज हक अपने सहयोगियों के साथ पहाड़सिंग के घर फाफामार में गए थे। उस समय उन्होंने पहाड़सिंग को सरेंडर करने की बात परिजनों से कही थी। एसपी हक ने पहाडंसिंग के परिजनों को मिठाई और कपड़े बांटे। उस समय पहाड़सिंग की बेटी ने डॉक्टर बनने की इच्छा व्यक्त की थी। हक ने उसे वैद्यकीय शिक्षा लेने के लिए पुलिस विभाग सहयोग करने का आश्वासन भी दिया था।
इस संदर्भ में जानकारी मिलते के बाद वर्ष मार्च 2014 में पहाड़सिंग द्वारा अपने परिवार को लिखा खत पुलिस के हाथ लगा। जिसमें पहाड़सिंग ने अपनी बेटी के डॉक्टर बने ऐसी इच्छा व्यक्त की। तत्काल एसपी हक का जिक्र करते हुए लिखा कि उन्होंने मेरे परिवार को मिठाई और कपड़े देने साथ मेरे बच्चों को किताबें भी दी। मेरी बेटियां चंद्रकांता व वनिता शिक्षा के माध्यम से अपना विकास करे ऐसी बात भी पहाड़सिंग ने खत में लिखी थी। यहा बतां दे कि, पहाड़सिंग की बड़ी बेटी चंद्रकांता अब छग के नामांकित महाविद्यालय में बीएससी के अंतिम सत्र में है। वहीं छोटी बेटी 12 वीं और बेटा लेकराम यह कक्षा 10 वीं में शिक्षा ले रहा है।
बड़े पैकेज पर काम कर रहे हैं नक्सलियों के बच्चे
वरिष्ठ कॅडर के नक्सलियों के बच्चे कहां शिक्षा ले रहे हैं और कहां-कहां नौकरी कर रहे हैं, इस संदर्भ में नक्सल विरोधी अभियान के सूचना व जनसंपर्क कक्ष ने नवंबर 2015 में जानकारी जारी की थी। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अपने हिंसक आंदोलन में शामिल करने के लिए सामग्री का वितरण करने वाले देवकुमार सिंह ऊर्फ अरविंद निशांत ऊर्फ सुजीत का बेटा कानपुर आईटीआई में केमिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा ले रहा है।
नक्सल आंदोलन का कमांडर रहा मल्लराजी रेड्डी ऊर्फ सतेन्ना ऊर्फ सयन्ना ऊर्फ सागर ऊर्फ आलोक ऊर्फ देशपांडे ऊर्फ एसएएन ऊर्फ लक्ष्मण की बेटी स्नेहलता बीएसएसी की शिक्षा पूर्ण कर वह अब एलएलबी कर रही है। विजय रेड्डी ऊर्फ सुगुलरी चिन्नान्ना ऊर्फ नागन्ना का बड़ा बेटा बी.टेक की उपाधि लेकर तेलंगाना की बहुराष्ट्रीय कंपनी में लाखों रुपए के पैकेज पर नौकरी कर रहा है। उसका छोटा बेटा प्रताप बी.टेक की उपाधि ले चुका है।
शहरी क्षेत्र में नक्सल आंदोलन की जिम्मेदारी निभाने वाले कंपनी कमांडर केके मुरलीधरन ऊर्फ राजेंद्र ऊर्फ गोपी ऊर्फ राधव ऊर्फ विजयन्ना ऊर्फ सन्नी का बेटा नचिकेतन यह केरल राज्य के कोची में सॉफ्टवेयर कंपनी में अभियंता के रूप में कार्यरत है। दंडकारण्य स्पेशल झोनल कमिटी का प्रवक्ता रहा और बाद में आत्मसमर्पण करने वाले राजचंद्र रेड्डी ऊर्फ कटारामचंद्र ऊर्फ गुडसा उसेंडी की बेटी स्नेहा डॉली बीटेक की पदवी लेकर आयटी कंपनी में 5 लाख रुपयों का पैकेज पर नौकरी कर रही है। वहीं उसका बेटा दंतशास्त्र (डेन्टल) की शिक्षा ले रहा है।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
मैनेजमेंट स्किल्स: आईसेक्ट द्वारा टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स पर विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट मुख्यालय द्वारा स्कोप कैम्पस में “टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स” पर एम्पलॉइज के लिए विशेष ट्रेनिंग एवं मोटिवेशनल सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन को बतौर मुख्य वक्ता जानी मानी करियर काउंसलर, पर्सनेलिटी ग्रूमिंग एक्सपर्ट और मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमति मनीषा आनंद ने संबोधित किया। यह सेशन कार्यस्थल पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया था।
इस दौरान ट्रेनर श्रीमति मनीषा आनंद द्वारा सेल्फ-ऑडिट कैसे करें, अपने विचारों का निरीक्षण और सफाई कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें लोगों को क्षमा करना और जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखना चाहिए तभी हम दूसरे व्यक्ति को सही मायने में समझ सकते हैं और बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट पर बात करते हुए कहा कि अपने कार्यों को उनके महत्व एवं तत्कालिकता के आधार पर प्राथमिकताएं प्रदान करें। सत्र में श्रीमती आरती कुमार, एचओडी, एमओओसीएस (MOOCs), श्रीमती मोनिका सिंह, निदेशक- फिनिशिंग स्कूल एवं कॉर्पोरेट रिलेशंस, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री सुमित मल्होत्रा, एचओडी, एचआर, ने प्रशिक्षण में विशेष रूप से हिस्सा लिया। अपने आभार वक्तव्य में श्रीमती मोनिका सिंह ने सत्र की सराहना की और इस दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया।
आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने इस पहल पर बात करते आईसेक्ट प्रबंधन टीम के प्रयासों को प्रोत्साहित किया और सराहना की और इस तरह के सत्रों को नियमित आयोजित करते हुए कर्मचारियों के लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
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