भायखला महिला जेल में बच्चों के लिए खुला शिशु गृह, महिला कैदियों को मिलेगी सुविधा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विभिन्न आपराधिक मामलों के चलते जेल में बंद महिला कैदियों के साथ उनके बच्चे भी वहां रहने को मजबूर होते हैं। जिससे उनकी अच्छी तरह देखभाल नहीं हो पाती। महिला कैदियों के बच्चों की देखभाल और प्री एजुकेशन के लिए महानगर के भायखला महिला जेल में शिशु गृह खोला गया है। भायखला जेल में पहली बार महिला कैदियों के लिए शिशु गृह शुरू किया गया है। इसका उद्घाटन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) अमिताभ गुप्ता ने किया। इस अवसर पर कारागार दक्षिण मंडल के उप महानिरीक्षक योगेश देसाई सहित नितिन वैचल, पल्लवी कदम और अन्य उपस्थित थे। प्रदेश में पहली बार जेल के बाहर महिला बंदियों के बच्चों के लिए यह सुविधा शुरु की गई है।भायखला जेल में फिलहाल 350 महिला कैदी हैं इन महिला कैदियों के करीब 15 बच्चे उनके साथ जेल में रहते हैं।
जेल से बाहर जेल परिसर में यह शिशु गृह शुरु की गई है। सात साल तक के बच्चोंको सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक इस शिशु गृह में रखा जाता है। राज्य में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया गया है। महिला जेल की महिला कर्मचारी-अधिकारी के बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा।इस बाबत जेल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि विचाराधीन महिलाओं के बच्चों को बाहरी दुनिया दिखाने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से यह शिशु गृह (क्रेच) शुरू किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) गुप्ता ने कहा कि यह देश में अपनी तरह की पहली पहल है। भायखला महिला जेल के बाहर क्रेच एक गैर-सरकारी संगठन, आंगन की मदद से चलाया जाएगा। यह संस्था बच्चों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए काम करती है।
Created On :   15 Jan 2023 7:35 PM IST