CIDCO जमीन घोटाले को लेकर हंगामा, सीएम बोले - जिनके घर शीशे के, वे दूसरों पर पत्थर ना फेंके

CIDCO land scam :  Chief Minister Fadnavis announced judicial inquiry
CIDCO जमीन घोटाले को लेकर हंगामा, सीएम बोले - जिनके घर शीशे के, वे दूसरों पर पत्थर ना फेंके
CIDCO जमीन घोटाले को लेकर हंगामा, सीएम बोले - जिनके घर शीशे के, वे दूसरों पर पत्थर ना फेंके

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नवी मुंबई में सिडको जमीन घोटाले के आरोप का मामला गुरुवार को विधानसभा में जमकर गूंजा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की। इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन आवंटन का सिलसिला पहले की सरकार के समय से चल रहा है। लिहाजा पहले के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे मांगे जाने चाहिए। उन्होंने पहले की सरकार के समय जमीन आवंटन के 200 मामलों की भी न्यायिक जांच की घोषणा की। इस बीच सत्ता पक्ष ने आक्रामक भूमिका अपनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से सदन में माफी मांगने की मांग की। सत्ता पक्ष के सदस्यों का कहना था कि चव्हाण ने मुख्यमंत्री को निराधार आरोपों के साथ बदनाम करने का प्रयास किया है। 

नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील ने भी मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की थी। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा की जमीन आवंटन मामले में उनकी तो छोड़िए किसी मंत्री की भी लिप्तता नहीं है। रायगढ़ जिले में काेयना प्रकल्पग्रस्तों को जमीन देने का निर्णय पहले की सरकार ने लिया था। उस निर्णय के तहत ही पहले 606 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जा चुकी है। जमीन सिडको की नहीं लेकिन राज्य सरकार की है। उसके आवंटन का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया है। लिहाजा मुख्यमंत्री या मंत्री की लिप्तता का प्रश्न ही नहीं उठता है।

फिलहाल 8 लोगों को आवंटित जमीन के मामले में विपक्ष आरोप लगा रहा है कि 2000 करोड़ की जमीन 350 करोड रुपए में बेच दी गई। बिल्डरों को मदद की गई। विपक्ष के आरोपों को सच मान लिया जाए तो जो 606 हेक्टेयर जमीन पहले आवंटित की गई, उसमें 50 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला माना जाएगा।

पहले भी जमीन बिल्डरों ने ही खरीदी थी। जिस मनीष भतीजा नामक बिल्डर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है, उसे पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार के समय पुणे में रातोरात करोड़ों की जमीन दी गई थी। नवी मुंबई में जमीन की बिक्री खेती कार्य के लिए हुई हैं। बिल्डरों ने भी खेती कार्य के लिए ही जमीन ली है। खेती की जमीन की दर व्यावसायिक खेती की दर से कम होती है। लिहाजा यह कहना निराधार है कि नवी मुंंबई परिसर में खेती का लेनदेन कौड़ी मोल हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काेयना प्रकल्पग्रस्तों को दी जा रही जमीन की न्यायिक जांच में 200 हेक्टेयर जमीन आवंटन का मामला भी शामिल रहेगा। कोयना प्रकल्पग्रस्तों को जमीन देने की नीति कायम रहेगी। साथ ही एक समग्र नीति की एसओपी तैयार की जाएगी । फिलहाल कोयना प्रकल्पग्रस्तों के 12 आवेदन जमीन के लिए लंबित है। 

"जो शीशे के घर में रहते हैं वो औरों पर पत्थर नहीं उछाला करते हैं"
जमीन घोटाले के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विपक्ष पर जमकर बरसे। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को दो टूक जवाब देते हुए उन्होंने कहा-बाबा हम आपका सम्मान करते हैं। आप तो सज्जन हैं, लेकिन झूठे आरोपों के लिए आप भी आशीर्वाद देने लगे। साथ के लोगों की बातों पर विश्वास करके आप भी निराधार आरोप लगाने लगे। आप तो जानते ही हैं कि आप मुख्यमंत्री थे तब भी इस जमीन मामले की फाइल आप तक नहीं पहुंचती थी। साथ के लोगों पर विश्वास मत करिए। इस चर्चा के दौरान राकांपा सदस्य खामोश रहे।

गौरतलब है कि राकांपा की ओर से विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा था कि सिडको जमीन घोटाला अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इस घोटाले में बिल्डरों का साथ दिया गया, साथ ही पार्टी फंड का विकास हुआ होगा। 

Created On :   5 July 2018 12:05 PM GMT

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