फर्जी अटेंडेंस मामले में लॉ कॉलेज को मिली क्लीन चिट

clean chit to college in fake attendance case
फर्जी अटेंडेंस मामले में लॉ कॉलेज को मिली क्लीन चिट
फर्जी अटेंडेंस मामले में लॉ कॉलेज को मिली क्लीन चिट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉ कॉलेज में बीते दिनों विद्यार्थियों ने फर्जी अटेंडेंस दर्ज कराए जाने की शिकायत यूनीवर्सिटी से की है। मामले की जांच करके यूनिवर्सिटी ने लॉ कॉलेज और प्रिंसपल डॉ. श्रीकांत कोमवार को क्लीन चिट दी है। यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे के अनुसार विद्यार्थी की शिकायत पर उन्होंने मामले की पड़ताल कराई है। इस प्रकरण में उन्हें कॉलेज प्रशासन की कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई। एहतियात के तौर पर अगले सत्र से लॉ कॉलेज में विवि बायोमीट्रिक पद्धति से अटेंडेंस लगाएगा। 

 

 कॉलेज ने 75 प्रतिशत अटेंडेंस पूरी नहीं करने वाले विद्यार्थियों को इंटर्नल परीक्षा से वंचित (डिटेन) रखने का निर्णय लिया था। सजा स्वरूप उन्हें 15 दिन की ब्रिज क्लासेस (अतिरिक्त क्लासेस) करने की शर्त रखी गई थी। कॉलेज के एक विद्यार्थी ने विवि में शिकायत की थी कि कॉलेज प्रबंधन अपने चहेते विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्शाने के लिए अटेंडेंस शीट में गड़बड़ी कर रहा है। ब्रिज क्लासेस में लेक्चर न लेकर केवल विद्यार्थियों से शीट पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। इस पर कुलगुरु काणे ने जानकारी दी कि ब्रिज क्लासेस का मतलब दोबारा कॉलेज में लेक्चर लेना नहीं है, बल्कि अनुपस्थित विद्यार्थी इस दौरान पाठ्यक्रम के किसी टॉपिक को लेकर अपनी समस्या शिक्षकों से साझा कर सकते हैं। ऐसे में कॉलेज प्रशासन इस मामले में कहीं से भी दोषी नहीं है।

दूसरा मामला

वहीं एग्जाम नहीं दे पाए 32 स्टूडेंट 

भंडारा के लाखनी के समर्थ महाविद्यालय द्वारा एम.कॉम पाठ्यकम का संलग्नीकरण नहीं कराने से यहां के 32 विद्यार्थी 25 अक्टूबर से शुरू हो चुकी परीक्षा देने से वंचित हो गए हैं। अपना साल बर्बाद होता देख विद्यार्थियों ने  विवि के कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे से गुहार लगाई है। इसके लिए महाराजबाग चौक स्थित विवि परिसर में बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र जुटे । यूनीवर्सिटी ने विद्यार्थियों की बात सुन कर फैसला लिया है कि ये विद्यार्थी आगामी ग्रीष्मकालीन परीक्षाओं में प्रथम और दूसरे सेमिस्टर की परीक्षाएं एक साथ देंगे, वहीं इस मामले में यूनीवर्सिटी ने कॉलेज प्रशासन पर जुर्माना लगाने की तैयारी की है। विवि ने कॉलेज को संलग्नता के लिए  प्रस्ताव प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। 

यह है मामला 

नागपुर यूनीवर्सिटी की शीतकालीन परीक्षाएं जारी हैं। 25 अक्टूबर से एम.कॉम की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं, मगर भंडारा जिले के लाखनी के समर्थ महाविद्यालय के एम.कॉम के 32 विद्यार्थी कॉलेज की लापरवाही का शिकार हुए और परीक्षा से वंचित रह गए। दरअसल कॉलेज ने एम.कॉम पाठ्यक्रम के लिए इस वर्ष विवि से संलग्नता ही नहीं कराई थी। विद्यार्थियों ने यहां एडमिशन लिया और नियमानुसार परीक्षा के लिए फॉर्म भी भरे, लेकिन संलग्नीकरण नहीं होने से विवि ने विद्यार्थियों की परीक्षा लेने से इंकार कर दिया था। 
 

Created On :   28 Oct 2017 5:20 PM IST

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