बिजली की कड़कड़ाहट के साथ जमकर बरसे मेघ

डिजिटल डेस्क, वर्धा. शहर में सुबह धूप खिली हुई थी। अचानक मौसम ने करवट बदलने के चलते दोपहर 12 से 1.30 बजे के दौरान बिजली की तेज कड़कड़ाहट के साथ जोरदार बारिश ने शहर समेत आसपास के परिसर में दस्तक दी। डेढ़ घंटे जमकर बरसे मघों के कारण नदी-नाले उफान पर होने के साथ नागरिकों के घरो में पानी घुस गया। जिसके चलते नागरिकों में एक ओर बारिश होने की खुशी तो दूसरी और घरों में पानी घुस जाने से परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर में पिछले तीन दिनों से बारिश नहीं होने के कारण उमस भरे वातावरण के साथ गर्मी का एहसास होने लगा था। जिससे नागरिक बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे थे। इसी के साथ शहर से सटे गांव परिसर में भी बारिश नहीं होने के कारण किसानों के सामने दोबार बुआई का खतरा मंडराने लगा था। जिसके कारण किसान भी बारिश नहीं होने से खेती के नुकसान को लेकर चिंतित थे। लेकिन 30 जून की दोपहर में आंधी और बिजली की तेज कड़कड़ाहट के साथ जोरदार बरसे मेघे ने उमस, गर्मी और किसानों को राहत दिलाई है। जोरदार बारिश के दौरान चली तेज हवाओं से कुछ स्थानों पर पेड़ टूटकर गिरे हैं। बता दें कि पिछले साल इस समय तक वर्धा शहर में 195.74 मिमी बारिश हुई थी। जबकि इस साल बारिश नदारद रहने के कारण केवल 69.39 मिमी बारिश ही दर्ज की गई है। जिसके चलते पिछले साल की तुलना में इस साल 126.35 मिमी बारिश कम हुई है।
गाज गिरने से व्यक्ति की मौत
महाकाल गांव परिसर में गाज गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। उक्त घटना 30 जून की दोपहर 1.30 बजे के दरम्यान घटी। मृतक विलास रामजी ठाकरे (45) निवासी महाकाल बताया जाता है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक विलास ठाकरे यह अपनी पत्नी के साथ बकरी चराने के लिए खेत परिसर में गया था। इस दौरान अचानक से आंधी और तेज बिजली की कड़कड़ाहट के साथ जोरदार बारिश ने दस्तक दी। इस दौरान बिजली गिरने के चलते विलास ठाकरे की घटना स्थल पर मौत हो गई। संतोषजनक बात रही कि मृतक की पत्नी बाल-बाल बच गई। उक्त घटना की जानकारी मृतक के पुत्र करण विलास ठाकरे ने पुलिस को दी। जिसके पश्चात पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा कर मर्ग दर्ज किया। आगे की जांच सावंगी पुलिस कर रही है।
समुद्रपुर में बारिश ने दी दस्तक
समुद्रपुर के किसानों ने वरुणराजा को प्रसन्न करनेे के लिए समुद्रपुर की सीमा पर स्थित सभी देवी-देवताओ की पूजा-अर्चना की तथा महाप्रसाद का आयोजन भी किया था। जिससे पिछले एक महीने के बाद वरुणराजा प्रसन्न हुए। गुरुवार सुबह से ही बदरीला मौसम था। लेकिन अपेक्षाकृत मेघ नहीं बरसे। दोपहर में यहां मध्यम बारिश हुई। किसान जिस प्रकार से जोरदार बरिश की राह देख रहे थे उस प्रकार की बरसात नहीं हुई। किसान ने किये कपास की बुआई को इस बरसात से थोड़ा बहुत फायदा होगा। एक दो दिन मंे जोरदार बरसात यदि हुई तो कपास के अंकुर जिंदा रह सकते हंै। गुरुवार को हुई बारिश से किसानों को थोड़ी राहत मिली। आद्रा नक्षत्र से किसानों को बहुत उम्मीद है।
Created On :   1 July 2022 7:36 PM IST