आंबेडकर स्मारक में अड़ंगा डालने वालों पर सीएम का निशाना

cm devendra fadnavis commented on Ambedkar statue
आंबेडकर स्मारक में अड़ंगा डालने वालों पर सीएम का निशाना
आंबेडकर स्मारक में अड़ंगा डालने वालों पर सीएम का निशाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डॉ.बाबासाहब आंबेडकर स्मारक के 27 साल से लंबित पड़े मामले में सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि स्मारक की फाइल पास होने के बाद मैं खुलासा करूंगा कि बाबासाहब के नाम पर राजनीति करने वालों ने कैसे इस फाइल में अड़ंगे लगाए और उसे फंसा कर रखा। यह बात उन्होंने शनिवार को सुबह नागपुर स्थित सीएम निवास रामगिरी में नागपुर महानगरपालिका के बहुजन समाज पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नगरसेवकों के साथ आयोजित बैठक में कही। इस अवसर पर विशेष रूप से सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी, नगरसेवक प्रवीण दटके, स्थायी समिति अध्यक्ष संदीप जाधव, बसपा पक्षनेता मोहम्मद जमाल, महेश नागपुरे आदि नगरसेवक उपस्थित थे।

पटवर्धन मैदान में तैयार होगा भव्य स्मारक
फडणवीस ने कहा कि जगह को लेकर चल रही तमाम अटकलों को छोड़ दें, डॉ.बाबासाहब आंबेडकर का भव्य स्मारक पटवर्धन मैदान में ही तैयार होगा। इसके लिए बढ़ी हुई जगह को भी मंजूरी दे दी गई है। मनपा को स्मारक का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश देते हुए बताया कि जब से दूसरी बार  प्रस्ताव हमारे पास आया है तभी से  मैं समय-समय पर  उसका फाॅलोअप कर रहा हूं और प्रोजेक्ट को गति देने का काम कर रहा हूं। स्मारक का कार्य उत्कृष्ट दर्जे का होगा, इसमें उपयोग किया जाने वाला सामान, यंत्र-सामग्री आदि का प्रस्ताव मनपा तैयार कर दे। उल्लेखनीय है कि 16 अक्टूबर की आमसभा में कांग्रेस के नगरसेवक संदीप सांगोले ने डॉ.आंबेडकर के स्मारक का विषय रखा था, जिसे बसपा के पक्षनेता मोहम्मद जमाल ने अपने नगरसेवकों के साथ आगे आकर ‘हाईजैक’ कर लिया और निर्णय लेने की बात रखी। महापौर ने उन्हें चर्चा के लिए आमंत्रित किया तो आमसभा में जमकर हंगामा हुआ। आखिरकार सभा को स्थगित करना पड़ा।

स्मारक के लिए सालों से जगह का विवाद
सत्तापक्ष के सामने बसपा पक्षनेता ने मांग रखी कि वह सीएम से इस विषय पर जवाब मांगेंगे और यदि सीएम से मुलाकात नहीं होती है तो अगली आमसभा को भी वह नहीं चलने देंगे। इसी को लेकर शनिवार को यह बैठक आयोजित की गई। यहां आपको बता दें कि मनपा ने डॉ.आंबेडकर के जन्मशताब्दी वर्ष 1992 में स्मारक की घोषणा की थी और एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। हैरानी की बात तो यह है कि लंदन में पढ़ाई के दौरान जहां वह रहे थे, उस जगह को महाराष्ट्र सरकार ने खरीद लिया, और फिर वहां संग्रहालय बना दिया गया। दूसरी ओर उनकी कर्मभूमि कही जाने वाली संतरानगरी में उनके स्मारक के लिए सालों से जगह का विवाद बना हुआ है। पटवर्धन मैदान की जिस जगह पर स्मारक बनाया जाना है, वह राज्य सरकार की लीज पर है, जिसे मनपा में हस्तांरित करना है। डॉ.बाबासाहब आंबेडकर स्मारक का भव्य वातानुकूलित सभागृह 3 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। डॉ.आंबेडकर के साथ ही अन्य महापुरुषों के ग्रंथों का संकलन होगा। इसके ऊपर विशाल ग्रंथालय होगा, जहां रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों के लिए रिसर्च की व्यवस्था होगी।

Created On :   12 Nov 2017 5:46 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story