CM फडणवीस बोले- स्टांप पर लिखकर देता हूं, कर्जमाफी के आंकड़ों में गड़बड़ी नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसान कर्जमाकी के आंकड़ों पर बहस की मांग को लेकर विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा किया। जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी आक्रामक भूमिका में दिखे। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि किसानों की स्थिति के लिए विपक्ष ही जिम्मेदार हो। उन्होंने कहा, "मैं हजार रुपए के स्टांप पर लिखकर देने को तैयार हूं कि सरकार ने कर्जमाफी को लेकर जो आंकड़े दिए, उनमें कोई गड़बड़ी नहीं है। सीएम ने कहा, गलती विपक्ष की है, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए विदर्भ के किसानों को राहत देने के नाम पर केवल मुंह पोचने का काम किया। यहां कृषि विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। सिंचाई, बिजली की व्यवस्था लड़खड़ाई हुई थी। संप्रग सरकार के समय के 7 हजार करोड़ के कर्जमाफी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने कर्जमाफी के तहत विदर्भ को जितनी राशि दी थी, उतनी तो अब अकेले बुलढाणा जिले को दी जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष को बात रखने की मिली अनुमति
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। उसकके मगरमच्छ के आंसू हैं। कर्जमाफी पर सरकार हर स्तर पर बहस को तैयार है। दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे। कर्जमाफी तत्काल करने की मांग के साथ विपक्ष ने हंगामा शुरु किया था। विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने निर्धारित कामकाज जारी रखने का आह्वान किया। लेकिन विपक्ष के सदस्य वेल तक पहुंचकर हंगामा करने लगे। तब अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील को विपक्ष की बात रखने की अनुमति दी।
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में लहराया स्टांप पेपर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्जमाफ करने को लेकर सरकार का दावा निराधार है। कर्जमाफ करने के बोगस प्रमाण-पत्र सरकार ने दिए हैं। लाभार्थी किसान के आंकड़े भी बोगस हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में स्टांप पेपर लहराते हुए कहा कि मैं 100 रुपए का स्टांप लेकर आया हूं। मुख्यमंत्री लिखकर दें कि कर्जमाफी के आंकड़े सही हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सभागृह में एक पत्र पढ़ा। उन्होंने कहा कि वह पत्र यवतमाल में आत्महत्या करनेवाले किसान ज्ञानेश्वर मिसाल का चौथा सुसाइड नोट है। दावा किया कि मिसाल का सुसाइड नोट विदर्भ के किसानों की सरकार विरोधी भावना की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कपास उत्पादक किसानों के लिए 25 हजार रुपये प्रति एकड़ सहायता की घोषणा करने की मांग सरकार से की।
रोपाई नहीं कर पानेवाले धान उत्पादक किसानों को भी मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में किसानों की मदद 3 तरह से करने की घोषणा की। उन्होंने कहा पहले तो उन सीड कंपनियों पर कार्रवाई होगी, जिनके कारण फसल नुकसान हुआ। दूसरे चरण में किसानों को सीधी सहायता दी जाएगी और तीसरी सहायता के तौर पर धान उत्पादक किसानों को भी राहत मिलेगी। धान की बीमारी पर तो सहायता देंगे ही, उन धान उत्पादक किसानों का भी ध्यान रखा जाएगा, जो धान की रोपाई नहीं कर पाए।
41 लाख किसानों की दी है सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि 41 लाख किसानों को कर्जमाफी योजना की सहायता दी जा चुकी है। 6 लाख किसानों को ओटीएस प्रणाली के माध्यम से सहायता दी गई। 21 लाख को सीधी सहायता मिली। बाकी को प्रोत्साहन स्वरूप सहायता दी गई है।
Created On :   11 Dec 2017 10:36 PM IST