कांग्रेस-राकांपा ने फिर लगाया शिवाजी स्मारक में घोटाले का आरोप, कैग अधिकारी ने जांच के लिए लिखा पत्र 

Congress-NCP again raises scam in Shivaji memorial issue, CAG officer wrote letter
कांग्रेस-राकांपा ने फिर लगाया शिवाजी स्मारक में घोटाले का आरोप, कैग अधिकारी ने जांच के लिए लिखा पत्र 
कांग्रेस-राकांपा ने फिर लगाया शिवाजी स्मारक में घोटाले का आरोप, कैग अधिकारी ने जांच के लिए लिखा पत्र 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि कैग के एक अधिकारी ने भी इस मामले में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए जांच की मांग की है। अधिकारी ने इस संबंध में अपने विभाग को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि घोटाले का आरोप लगाने के बाद भी सरकार ने कोई सफाई नहीं दी इससे साफ होता है कि आरोपों में सच्चाई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार स्पष्टीकरण नहीं देती तो पहले मामले की शिकायत मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) से करेंगे और वहां भी कुछ नहीं हुआ तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

दोनों दलों के नेताओं ने पेश किए कागजात 

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने सोमवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) कंपनी के साथ मिलकर इस घोटाले की साजिश रची। सावंत ने कहा कि परियोजना का अनुमानित खर्च 2692 करोड़ रुपए था। लेकिन इसके लिए एल एंड टी ने 3826 करोड़ रुपए का टेंडर भरा। इसके बाद कंपनी से बातचीत के जरिए टेंडर की रकम 42 फीसदी कम करने का दावा किया गया लेकिन असल में यह रकम अनुमानित खर्च से कहीं ज्यादा थी। मलिक ने कहा कि मामले में निजी कंपनी की मदद से कानूनी राय ली गई और सरकार के विधी व न्याय विभाग की राय लेना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि दोनों की राय बिल्कुल एक जैसी है जिससे साफ होता है कि इसे किसी एक व्यक्ति ने ही तैयार किया है। इसके अलावा स्मारक की लंबाई चौड़ाई कम कर सिर्फ तलवार की ऊंचाई बढ़ा दी और ऐसा निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। 

खरे-रोहतगी को किसने किया भुगतान 

वहीं सावंत ने कहा कि वीएन खरे और अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने यह भी साफ नहीं किया कि उन्हें राय देने के लिए किसने भुगतान किया। सावंत ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले से जुड़ी सुनवाई के दौरान एल एंड टी कंपनी का पक्ष रखा। उन्होंने दावा किया कि इससे मिलीभगत की बात और साफ हो जाती है। सावंत ने कहा कि अधिकारियों पर दबाव डाल कर मंजूरियां ली गईं। स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे भी इस घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।  

अब सामने आएगी ठाकरे परिवार की संपत्ति 

राकांपा प्रवक्ता नवाब  मलिक ने युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के विधानसभा चुनाव लड़ने का तो स्वागत किया लेकिन साथ ही उन्होंने तंज कसा कि अब पता चल जाएगा कि ठाकरे परिवार के आय का स्त्रोत क्या है। उन्होंने कहा कि रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने और खुद मैदान में उतरकर राजनीति करने में फर्क होता है। मलिक ने कहा कि वंशवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा को भी अब  ठाकरे परिवार के वंशवाद पर बात करनी चाहिए।    

Created On :   30 Sep 2019 1:05 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story