गठबंधन बनाए रखना चाहती कांग्रेस-राकांपा, एक साथ लड़ सकते हैं स्थानीय निकाय चुनाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद पैदा हुई राजनीतिक परिस्थिति के चलते अस्तित्व में आई तीन दलों की महा विकास आघाडी सरकार जाने के बाद अब इस गठबंधन के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि कांग्रेस-राकांपा इस गठबंधन को बनाए रखने के पक्ष में हैं पर शिंदे सेना की हिंदुत्ववादी का राजनीति की चुनौती के चलते शिवसेना को इन सेक्यूलर दलों के साथ बने रहना मुश्किल होगा। गुरुवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं ने मातोश्री जाकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर साथ रहने का वादा किया था। कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता महा आघाडी को कायम रखने के पक्ष में हैं। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यमंत्रिमंडल की अपनी अंतिम बैठक में ढाई साल तक साथ में सरकार चलाने के लिए कांग्रेस-राकांपा का आभार माना था। महा विकास आघाडी के भविष्य़ के सवाल पर राजनीतिक विशेषक अभय देशपांडे कहते हैं कि स्थानिय निकाय चुनाव में कही-कहीं तीनों दल भाजपा के खिलाफ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं। विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है। इस बीच सरकार के खिलाफ होने वाले आंदोलनों में तीन दल एक साथ रह सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे कहते हैं कि सरकार जाने के बाद अब संविधान बचाने की चुनौती है। भाजपा संविधान को खत्म करने पर तुली है। इस संघर्ष में तीनों दल साथ रहेंगे। जबकि प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील भी आघाडी की एकता की बात करते हैं। पाटील ने कहा कि सरकार जाने के बाद अभी तीनों दलों की कोई बैठक नहीं हो सकी है। हम जल्द ही एकसाथ बैठकर चर्चा करेंगे। स्थानिय निकाय चुनावों में जहां-जहां संभव होगा तीनों दल एक साथ आने की कोशिश करेंगे।
Created On :   1 July 2022 8:11 PM IST