रिमझिम गिरे सावन : फिजां में ठंडक और लुढ़का पारा, जुलाई का कोटा भी लगभग पूरा

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रिमझिम गिरे सावन : फिजां में ठंडक और लुढ़का पारा, जुलाई का कोटा भी लगभग पूरा
रिमझिम गिरे सावन : फिजां में ठंडक और लुढ़का पारा, जुलाई का कोटा भी लगभग पूरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में सावन रिमझिम बरस रहा है, हल्की बारिश की झड़ी लगी है। पानी की मध्यम फुहार के बीच यहां मौसम किसी हिल स्टेशन से कम नहीं लग रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि शुक्रवार से हो रही रिमझिम बरसात इस बार पानी की कमी को पूरी कर देगी। बरखा थमने का नाम ही नहीं ले रहीं और पारा भी लुढ़का है। 24 जुलाई को 37 डिग्री तक चढ़ा पारा 6 दिन में 12 डिग्री तक नीचे आ चुका है। मंगलवार दोपहर करीब 2 घंटे बारिश थोड़ी तेज रही। मौसम विभाग के अनुसार कम दबाव का क्षेत्र अब पूर्वी मध्य प्रदेश और छततीसगढ़ पर बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती चक्र ऊपरी मुहाने से दक्षिण की ओर झुका हुआ है। मॉनसूनी द्रोणिका कम दबाव के क्षेत्र के मध्य से बरमेर, चित्तोड़गढ़ विदीशा, जमशेदपुर, बालासोर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक खिचीं हुई है। एक और द्रोणिका दक्षिण गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र से ओडीशा तट तक खिंची है और यह भी मध्य प्रदेश पर बने कम दबाव के क्षेत्र के मध्य से गुजर रही है। इससे तेजी से नमी खिंच रही है। विदर्भ सहित पूरे मध्य भारत में सावन की घटा बरस रही है।

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार सुबह 8.30 बजे से रात 8.30 बजे तक 67.9 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। अधिकतम तापमान सोमवार की अपेक्षा 3.5 डिग्री नीचे खिसक कर 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6 डिग्री नीचे रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री नीचे 22.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता सुबह 96 प्रतिशत थी, जो शाम को बढ़कर पूरे 100 प्रतिशत हो गई। वर्षा रुकने का नाम नहीं ले रही। एक के पीछे एक कम दबाव के क्षेत्र बनते चला जा रहे हैं। वर्तमान में एक सक्रिय है। आज-कल में एक और कम दवाब का क्षेत्र सक्रिय होने की उम्मीद है। इसके पीछे बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र उठने लगा है? इसके 4 अगस्त तक परिपक्व होने के आसार हैं। उम्मीद बंधी है कि कम से कम आगामी सोमवार तक बौछारें शांत नहीं होगी। 

पिछले 5 वर्षों में जुलाई में गिरा पानी 

इस वर्ष सूखे की स्थिति से निकलकर जुलाई ने अपना कोटा पूरा कर लिया। इससे किसानों के चहरे भी खिले हैंं और फसल खराब होने की अशंका भी कम हुई है। इस वर्ष जुलाई में अब तक करीब 384 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जुलाई में पिछले 5 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा वर्ष 2016 में 418.3 मिमी रिकार्ड की गई थी। वर्ष 2014 में 402.8 मिमी, वर्ष 2015 में सबसे कम 173.7 मिमी, वर्ष 2017 में 236.2 मिमी तथा वर्ष 2018 में 397.2 मिमी वर्षा दर्ज हुई थी। 

Created On :   30 July 2019 10:34 PM IST

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