बांधों के जलस्तर में लगातार कमी, दो माह बाद हो सकता है जलसंकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गर्मी में जलसंकट की आशंका जताई है। ऐसे में राज्य भर के बांधों की समीक्षा कर जलसंपदा विभाग ने रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में नागपुर जिले समेत विभाग के 5 अन्य जिलों में वाष्पीकरण के चलते जलसंग्रहण में कमी को लेकर चिंता जताई गई है। इतना ही नहीं, विभाग को समीक्षा के दौरान सप्ताह भर में बांधों के जलसंग्रहण में खासी कमी होने का भी खुलासा हुआ है। जिले के बड़े पांच बांधों में 24 फरवरी तक 940.51 दशलक्ष घनमीटर जलसंग्रह था। यह संग्रह 2 मार्च तक 931.11 दशलक्ष घनमीटर पहुंच गया है। ऐसे में अब जलसंपदा विभाग ने गर्मी के लिए उपाययोजना तैयार करने को लेकर प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
आश्चर्यजनक कमी
पिछले साल राज्य भर में 120 फीसदी बरसात दर्ज की गई थी। ऐसे में जिले समेत राज्य भर के बांधों में अपेक्षा से अधिक जलसंग्रह हो गया था। इस जलसंग्रह की बदौलत फसलों की सिंचाई के साथ ही पेयजल के लिए भी भरपूर जलसंवर्धन रहने की उम्मीद की गई थी, लेकिन फरवरी माह से ही भीषण गर्मी की स्थिति बन जाने से जलसंग्रहण में खासी कमी हो रही है। पिछले सप्ताह भर में जिले के बांधों में 1.2 एमएम प्रतिदिन के अनुपात में वाष्पीकरण होने से संग्रह में आश्चर्यजनक कमी पाई गई है।
वाष्पीकरण प्रक्रिया तेज : फरवरी माह से ही तेज धूप के चलते वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। ऐसे में बड़े, मध्यम और लघु बांधों में जलसंचय में कमी होने लगी है। जलसंपदा विभाग समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों ने नहर सलाहकार समिति (कैनल एडवाइजरी कमेटी) से समन्वय करना आरंभ कर दिया है। सामान्य तौर पर बांध के मुहाने के जलसंग्रह से 1 एमएम तक वाष्पीकरण होता है, लेकिन इस साल यह 1.2 एमएम तक पहुंच गया है। ऐसे में उपाय योजना को लेकर बांध के जलसंग्रहण की समीक्षा की जा रही है।
जलसंपदा विभाग ने संभावित जलसंकट से निजात पाने के लिए उपाय योजना बनानी आरंभ कर दी है। बड़े, मध्यम और लघु श्रेणी के बांधों में जिले समेत पूरे विभाग में वाष्पीकरण से जलसंग्रह में कमी पाया गया है। जिले के पांच बड़े बांधों में 940.51 से घटकर 931.11 दशलक्ष घनमीटर तक जलसंग्रह पहुंचा है। यही स्थिति मध्यम श्रेणी के 13 बांधों में भी बनी हुई है। इन बांधों में 99.54 दशलक्ष घनमीटर जलसंग्रह अब 93.23 हो गया है, जबकि 60 लघु श्रेणी में 75.88 से वाष्पीकरण होकर 73.34 दशलक्ष घनमीटर हो गया है। जलसंपदा विभाग ने राज्य सरकार को जलसंग्रह में कटौती रिपोर्ट को भेजा है। राज्य सरकार के निर्देश पर जलसपंदा विभाग ने संभावित उपाय योजना बनाने को लेकर पहल आरंभ कर दी है।
विभाग में अभी संतोषजनक स्थिति : नागपुर समेत भंडारा, गोंदिया, गड़चिरोली, चंद्रपुर और वर्धा के तीनों श्रेणी के 378 बांधों के जलसंग्रह की समीक्षा की जा रही है। पूरे विभाग में 18 बड़े बांध, 41 मध्यम श्रेणी और 319 लघुश्रेणी के बांध मौजूद हैं। इन बांधों की जलसंग्रहण क्षमता करीब 4672 दशलक्ष घनमीटर आंकी गई है। 2 मार्च को जलसंपदा विभाग की समीक्षा में इन बांधों में 2679 दशलक्ष घनमीटर जलसंग्रह पाया गया है, इसमें से सभी बांधों में मृत संग्रहण (डेड स्टॉक) आरक्षित है। पूरे विभाग में 47 बांधों में 25 फीसदी, 194 बांधों में 45 फीसदी और 133 बांधों में 45 फीसदी से अधिक जलसंग्रह मौजूद है।
Created On :   5 March 2023 6:45 PM IST