भारत के लिए सबसे उपयुक्त है सहकारी मॉडल - शाह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया ने पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों मॉडल को अपनाया, लेकिन ये दोनों ही चरम (एक्सट्रीम) मॉडल हैं। सहकारी मॉडल मध्यम मार्ग है और यह भारत के लिए सबसे उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि अनेक कमियों के बावजूद सहकारिता क्षेत्र ने आज जो मुकाम हासिल किया है, वह गौरव का विषय है। शाह यहां 100वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रचलित आर्थिक मॉडल के कारण जो असंतुलित विकास हुआ, उसे सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी बनाने के लिए सहकारिता के मॉडल को लोकप्रिय बनाना होगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सहकारिता आंदोलन की एक मजबूत नींव तैयार हो चुकी है और इस पर एक मजबूत इमारत बनाने का काम हमें और आने वाली पीढ़ियों को करना है। सहकारिता के विचार को आधुनिक समय के अनुरूप बनाकर टेक्नोलॉजी और प्रोफेशन्लिज्म के साथ जोड़कर इसे 100 साल और आगे ले जाने का काम करना है।
13 करोड़ लोग जुड़े हैं सहकारी समितियों से
सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया की 30 लाख सहकारी समितियों में से 8,55,000 भारत में हैं और लगभग 13 करोड़ लोग सीधे इनसे जुड़े हैं और देश के 91 प्रतिशत गांव ऐसे हैं, जिनमें कोई न कोई सहकारी समिति है। उन्होंने कहा कि सहकारिता शुरूआत से ही भारतीय संस्कृति का प्राणतत्व रही है और भारत ने पूरी दुनिया को सहकारिता का विचार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश की 65 हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण का निर्णय किया है, जिससे पैक्स, जिला सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और नाबार्ड ऑनलाइन हो जाएंगे।
Created On :   4 July 2022 8:18 PM IST