कोरोना संक्रमण - इलाज के लिए 500 इंजेक्शन की जरूरत रोज, एक-एक के लिए मारामारी 

Corona infection - 500 injections needed daily for treatment, one each
 कोरोना संक्रमण - इलाज के लिए 500 इंजेक्शन की जरूरत रोज, एक-एक के लिए मारामारी 
 कोरोना संक्रमण - इलाज के लिए 500 इंजेक्शन की जरूरत रोज, एक-एक के लिए मारामारी 

कई निजी अस्पतालों में एक भी डोज नहीं, सरकारी में भी यही स्थिति
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद एक बार फिर रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड बढ़ गई है। हालात यह हैं कि बुधवार को जबलपुर में इंजेक्शन्स खत्म हो गए और हाहाकार मच गया। इंजेक्शन को बनाने वाली कंपनीज ने कोरोना के मामले कम होने के बाद प्रोडक्शन घटा दिया था, लेकिन पिछले कुछ ही दिनों में अचानक केस बढऩे की वजह से प्रोडक्शन, डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसी के चलते न सिर्फ जबलपुर, बल्कि कई शहरों में यह स्थिति बनी हुई है। जबलपुर में रोजाना अब 250 से ज्यादा केस आ रहे हैं। इनमें कई मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होते हैं। इन्हें ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। वहीं शहर के अस्पतालों में रोजना 500 से ज्यादा इंजेक्शन्स की डिमांड है, लेकिन इंजेक्शन्स न होने के चलते मरीज के परिजन बेहद परेशान हैं। मरीजों की जान पर बन आई है। हालाँकि प्रशासन का कहना है कि जितनी जरूरत है, उतने इंजेक्शन्स मरीजों तक पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। इंजेक्शन्स की मॉनीटरिंग के लिए टीम भी लगाई गई है।  
क्यों जरूरी है रेमडेसिविर  
डॉक्टर्स का कहना है कि रेमडेसिविर एक लाइफ सेविंग इजेक्शन है। विक्टोरिया हॉस्पिटल में कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. आलोक श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना के वे मरीज जिनमें लंग्स इंफेक्शन बढ़ता है, उन्हें यह लगाना बेहद जरूरी है। शरीर में पहुँचने के बाद यह इंजेक्शन वायरल लोड तेजी से कम करता है। कुछ मरीजों में इसके साइड इफैक्ट्स भी आते हैं, जो सामान्य हैं।   
परिजन परेशान, कैसे हो इंतजाम ? 
अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन बुधवार को अस्पतालों के चक्कर काटते नजर आए। पहुँच और सिफारिशों के बाद भी इंजेक्शन का इंतजाम नहीं हो सका। होता भी कैसे, जब शहर में इंजेक्शन थे ही नहीं। 
डिमांड पर नजर रखने लगाए पटवारी 
प्रशासन द्वारा निजी अस्पतालों की डिमांड पर नजर रखने के लिए पटवारियों को लगाया गया है, ताकि जितनी जरूरत हो, उतने ही डोज दिए जाएँ। इंजेक्शन की सप्लाई और डिमांड पर मॉनीटरिंग के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। हालाँकि इसके बाद भी इंजेक्शन की डिमांड और सप्लाई पर नियंत्रण उतना प्रभावशाली नहीं नजर आ रहा है।
इनका कहना है
जिन भी डिपो से इंजेक्शन की सप्लाई हो रही थी, अभी फिलहाल बंद है। हमारे पास जो स्टॉक था, उसे अस्पतालों में उपलब्ध करा दिया गया है। कमी सभी शहरों में है। हमने डिमांड भेजी है, जल्द ही नए डोज आ सकते हैं। 
-आशीष पाण्डेय, अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी 
 

Created On :   8 April 2021 9:19 AM GMT

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