सर्राफा कारोबारी से रिश्वत मामले में सीबीआई और सेंट्रल जीएसटी विभाग के अधिकारियों में ठनी

Countrys two biggest agencies face to face - standoff between CBI and Central GST department in a bribery case!
सर्राफा कारोबारी से रिश्वत मामले में सीबीआई और सेंट्रल जीएसटी विभाग के अधिकारियों में ठनी
एक्सक्लूसिव सर्राफा कारोबारी से रिश्वत मामले में सीबीआई और सेंट्रल जीएसटी विभाग के अधिकारियों में ठनी

डिजिटल डेस्क, आशीष सिंंह, मुंबई। सर्राफा कारोबारी से रिश्वत मांगने के मामले को लेकर सीबीआई और सेंट्रल जीएसटी विभाग महाराष्ट्र के अधिकारियों में ठन गई है। मामला पेचीदा है, लेकिन इसकी कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। सेंट्रल जीएसटी के एक अधिकारी ने सर्राफा बाजार में छापे के मामले को रफा-दफा करने के लिए कारोबारी से पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी, लेकिन कारोबारी ने इसकी सूचना सीबीआई को दे दी। 

 

 

 

सीबीआई ने जीएसटी के अधिकारी को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया, लेकिन ट्रैप फेल हो गया। साथ ही सीबीआई के रंगे हुए नोटों का पैकेट भी गायब हो गया। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। दोनों एजेंसियां अपने विभाग के उच्च अधिकारियों के पास एक- दूसरे के खिलाफ शिकायत करने में जुटी हैं। दरअसल 21 अप्रैल को सेंट्रल जीएसटी की एंटी इवेजन विंग ने मुंबई के सर्राफा बाजार के एक सर्राफा कारोबारी की दुकान और कारखाने में सर्च ऑपरेशन किया था। कारोबारी को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए चर्चगेट स्थित ऑफिस लाया गया।

जानकारी के मुताबिक, विंग के अधीक्षक धीरेेंद्र कुमार ने पूछताछ के बाद मामले को रफा-दफा करने के लिए कारोबारी से 5 लाख की रिश्वत की मांग की और उसे रात 10 बजे छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी अधीक्षक ने पांच लाख रुपए देने के लिए सर्राफा कारोबारी के संबंधित व्यक्ति को देर रात दादर टीटी के पास चौराहे पर बुलाया। सर्राफा कारोबारी ने रिश्वत मांगने की सूचना सीबीआई के एंटी करप्शन विभाग को दे दी। इसके बाद सीबीआई की टीम ने जीएसटी विभाग के अधिकारी कुमार को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई और कलर लगे 5 लाख रुपए के बंडल को लेकर सर्राफा कंपनी के व्यक्ति को दादर टीटी पर भेजा।

 

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सूत्रों के मुताबिक जीएसटी अधीक्षक धीरेन्द्र कुमार ने 5 लाख रुपए कैश देने के लिए सर्राफा कारोबारी के संबंधित व्यक्ति को देर रात दादर टीटी के पास चौराहे पर बुलाया था, लेकिन संबंधित सर्राफा कारोबारी ने इसकी सूचना सीबीआई के एंटी करप्शन विभाग को पहले ही दे दी थी। इस दौरान सीबीआई की टीम ने अधीक्षक धीरेन्द्र कुमार को रंगे हाथ पकड़ने का पूरा प्लान बना लिया था, लेकिन यहीं सीबीआई का प्लान फेल हो गया।

उधर जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दादर टीटी पर जीएसटी अधीक्षक धीरेन्द्र कुमार नहीं आया, बल्कि दूसरा व्यक्ति पहुंचा था। जिसने सर्राफा कारोबारी के भेजे गए शख्स को बताया कि धीरेन्द्र कुमार ने उसे भेजा है।  इस शख्स ने पैसे लिए और वहां से निकल गया। इस दौरान सीबीआई की टीम उसका पीछा कर रही थी, ताकि वो जीएसटी अधीक्षक तक पहुंच सके, तभी सीबीआई की टीम ने देखा कि जिस शख्स ने पैसे लिए थे, उसके हाथ से पैसों का पैकेट गायब था। सीबीआई की टीम ने उस शख्स को वहीं धर दबोच लिया और रुपयों से भरे पैकेट को लेकर पूछताछ करनी शुरु कर दी।

सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए शख्स का नाम मुकेश था। उसने सीबीआई को बताया कि वो सर्राफा बाजार में एक व्यापारी के यहां काम करता है। उसकी दुकान पर धीरेन्द्र कुमार का आना जाना-लगा रहता है। पूछताछ में मुकेश ने बताया कि उसे अधीक्षक धीरेन्द्र कुमार ने कॉल कर कहा था कि वो किसी काम में व्यस्त है, इसलिए दादर टीटी के चौराहे पर रात 1 बजे के आसपास चले जाए, वहां चौराहे के पास एक शख्स मिलेगा, जो पैकेट देगा, वो ले लेना। सूत्रों के मुताबिक मुकेश ने सीबीआई को बताया कि जब उसने पैकेट लिया, तो कुछ कदम की दूरी पर मौजूद धीरेन्द्र ने वो पैकेट मुकेश के हाथ से लिया था, जिसकी टीम को भनक तक नहीं लगी।

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जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सीबीआई रेड फेल होने और पैसों का पैकेट गंवाने के चलते सीधे एंटॉप हिल की इनकम टैक्स कॉलोनी पहुंची। जहां जीएसटी अधीक्षक धीरेन्द्र का सरकारी क्वार्टर है। टीम रात दो बजे के करीब बिल्डिंग नंबर 11 में फ्लैट नंबर 235 तक पहुंची, लेकिन उस वक्त धीरेन्द्र वहां मौजूद नहीं था। जानकारी के मुताबिक धीरेन्द्र की पत्नी और बच्चे गांव गए थे, इस दौरान रिश्तेदार मौजूद थे।

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Created On :   26 April 2023 9:02 PM IST

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