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मध्य भारत के सबसे बड़े रावण दहन पर संकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य भारत के सबसे बड़े रावण दहन कार्यक्रम (कस्तूरचंद पार्क) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस संदर्भ में हेरिटेज संवर्धन समिति की कस्तूरचंद पार्क पर विविध आयोजनों को लेकर बैठक हुई। बैठक में सनातन धर्म युवक सभा ने दशहरे पर होने वाले रावण दहन कार्यक्रम की मंजूरी के लिए अपना पक्ष रखा।
सनातन धर्म युवक सभा के सचिव और आयोजन समिति के चेयरमैन संजीव कपूर ने बताया कि कस्तूरचंद पार्क पर होने वाला रावण दहन कार्यक्रम, नागपुर की एेतिहासिक पहचान और परंपरा है। पिछले 65 सालों से इसका आयोजन हो रहा है। शहर में ऐसा कोई स्थल नहीं है, जो इतने बड़े स्तर पर रावण दहन कार्यक्रम के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक हो। नागरिकों के आवागमन और परिवहन की दृष्टि से भी कस्तूरचंद पार्क बेहद सुविधाजनक है और रावण दहन से यहां किसी तरह का खतरा भी नहीं है।
कपूर ने बताया कि फिलहाल हेरिटेज संवर्धन समिति ने मौखिक तौर पर हमारी अपील नामंजूर कर दी है और दो दिन में इसका लिखित आदेश जारी करने की सूचना दी है। हेरिटेज समिति के इस निर्णय से फिलहाल आयोजकों में असंतोष है। दशहरे पर होने वाले रावण दहन कार्यक्रम को अब कुछ ही समय है, उसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। कार्यक्रम के मुख्य आयोजन को मंजूरी नहीं मिलने से इस बार बुराई के प्रतीक रावण दहन पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। फिलहाल यह कार्यक्रम कहां होगा और होगा भी या नहीं, इसे लेकर भी सवाल बना हुआ है। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हेरिटेज समिति ने 204 इमारत में से अलग किए गए 49 वास्तु बाबत, नागरिकों से आपत्तियां मांगी गई थीं। इसमें मौजा सीताबर्डी और कस्तूरचंद पार्क की जगह पर प्रदर्शनी के लिए जगह उपलब्ध कराना, विजयादशमी पर रावण दहन करने के लिए अनुमति देना, कस्तूरचंर्द पार्क का पुनरुत्थान अथवा सौंदर्यीकरण के कामों को मान्यता देना आदि विषय पर चर्चा की गई है। हेरिटेज संवर्धन समिति ने 49 वास्तु बाबत नागरिकों से मंगाई गई आपत्तियों पर विचार करने के लिए प्राचार्य उज्ज्वला चक्रदेव की अध्यक्षता में उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया है। उपसमिति नागरिकों की आपत्तियों पर निर्णय लेने की सूचना देगी।
Created On :   24 Aug 2017 5:59 PM IST