फसल का बीमा कराना अब अनिवार्य नहीं, बढ़ती शिकायतों के बाद उठाया कदम

Crop insurance is no longer mandatory, steps taken after increasing complaints
फसल का बीमा कराना अब अनिवार्य नहीं, बढ़ती शिकायतों के बाद उठाया कदम
फसल का बीमा कराना अब अनिवार्य नहीं, बढ़ती शिकायतों के बाद उठाया कदम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में संशोधन करते हुए इसे अब अनिवार्य की श्रेणी से हटा दिया है। बैंक से फसल कर्ज लेने पर फसल बीमा कराना जरूरी था, जबकि अब बैंक से फसल कर्ज लेने के बाद भी किसान चाहे तो फसल बीमा निकाल सकता है।
  
किसानों को प्राकृतिक व कृत्रिम आपदाओं से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी। बैंक से फसल कर्ज लेने पर बैंक की तरफ से फसल बीमा कराया जाता था। एक फसल के लिए एक बार ही ईएमआई भरनी पड़ती थी। फसल कर्ज देते समय ही बैंक ईएमआई की राशि काट लेती थी। फसल बीमा का 2 से 5 फीसदी हिस्सा किसान खुद भरता और बाकी राशि केंद्र व राज्य सरकार भरती थी। फसल बीमा कराने के बावजूद बीमा कंपनियों से बर्बाद हुई फसल का बीमा नहीं मिलने की शिकायतें लगातार किसानों की तरफ से होती रही। समय-समय पर सरकार भी बीमा कंपनियों को फटकार लगाती रही। फसल बीमा की भरपाई देने के लिए जो नियम, शर्त व मानक बने हुए है वे काफी जटील है। इसीलिए अधिकांश प्रभावित किसान फसल बीमा से वंचित रह जाते है। केंद्र सरकार ने अब इसे ऐच्छिक बना दिया है। यानी किसान चाहे तो फसल का बीमा कर सकता है। सरकार का यह फरमान नए वित्त वर्ष से लागू होगा। 1 अप्रैल 2020 के बाद जो किसान कर्ज लेगा, उन्हें यह लागू होगा।

कर्ज लेनेवाले किसानों से पूछकर ही बीमा करेंगे
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब सभी किसानों के लिए अनिवार्य नहीं है। जो बीमा कराना चाहे, वह फसल का बीमा कर सकता है। बैंक से फसल कर्ज देते समय किसानों से फसल बीमा कराने के लिए पूछा जाएगा। जो किसान फसल बीमा करेगा, उसी का बीमा कराया जाएगा। 1 अप्रैल 2020 के बाद फसल कर्ज लेनेवालों के लिए ये लागू हो सकेगा।
-विजयसिंह बैस, प्रबंधक, जिला अग्रणी बैंक नागपुर.

Created On :   21 Feb 2020 8:31 AM GMT

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