फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के जटिल नियमों को शिथिल करने सरकार प्रयासरत

Crop insurance process will be easily for farmer minister bonde
फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के जटिल नियमों को शिथिल करने सरकार प्रयासरत
फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के जटिल नियमों को शिथिल करने सरकार प्रयासरत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने कहा है कि खाद-बीज के संबंध में होने वाली किसी भी कार्रवाई में किसानों पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी। फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के जटिल नियमों को शिथिल करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। एसटीबीटी बीज को मान्यता नहीं दी गई है। इसकी बिक्री करनेवालों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।

फसल बर्बादी की सूचना 48 घंटे में देना जरूरी

कृषि प्रारूप की समीक्षा बैठक के बाद विभागीय आयुक्तालय के सभा कक्ष में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के जटिल नियमों को शिथिल करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है। जटिल नियमों से फसल नुकसान के बाद भी किसान को निजी तौर पर क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाती। किसान अगर 48 घंटे में फसल बर्बादी की सूचना दे, तो निजी तौर पर भी क्षतिपूर्ति दी जा सकती है।

बीमा कंपनियों की जिम्मेदारी तय करने व किसानोें को राहत देने के लिए तहसील व जिला स्तर पर सुविधा केंद्र खुलेंगे। यहां कृषि अधिकारी व बीमा कंपनी का प्रतिनिधि बैैठकर किसानों की समस्या सुनकर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि एसटीबीटी बीज को पर्यावरण संशोधन की मान्यता नहीं है। विभाग का दक्षता दस्ता एसटीबीटी बीज जब्त कर कार्रवाई कर रहा है। इसमें किसान मिले, तो उस पर एफआईआर दर्ज  नहीं होगी। 15 फीसदी किसान ऐसे हैं, जो इनकम टैक्स भरते हैं। राज्य में 1 लाख 53 हजार किसान हैं।  जलयुक्त शिवार योजना के भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी। इस अवसर पर विभागीय आयुक्त डॉ. संजीव कुमार उपस्थित थे। 

सख्त कार्रवाई होगी

डॉ. बोंडे ने कहा कि मानसून विलंब से आया है। अब तक नागपुर विभाग में 73 फीसदी बारिश और 35 फीसदी क्षेत्र में बुआई हो चुकी है। खाद-बीज की कमी नहीं है। कालाबाजारी व फर्जी खाद-बीज बेचनेवालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नागपुर विभाग में 11 लाख 17 हजार 423 लाभार्थी हैं और इसमें से 6 लाख से ज्यादा लाभार्थियों की जानकारी अपलोड की गई है। शीघ्र ही पीएम किसान सम्मान राशि के 2-2 हजार रुपए किसानों के खाते में जमा हो जाएंगे। 

सतर्कता समितियां बनेंगी

खाद-बीज की कालाबाजारी व फर्जी खाद बेचनेवालों पर नकेल कसने के लिए सतर्कता समितियां बनेंगी। तहसील व जिला स्तर पर समिति रहेगी और हर समिति में 2 किसान प्रतिनिधि रहेंगे। यहां फसल बीमा संबंधी शिकायत भी की जा सकेगी। 91 लाख किसानों ने फसल बीमा कराया था और 49 लाख किसानों को क्षतिपूर्ति दी गई है।  
 

Created On :   6 July 2019 2:23 PM IST

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