बाघों को देखने की चाहत सात समुंदर पार से खींच लाई ताड़ोबा

Curiosity to see tiger pull forigner tourist from austria to tadoba
बाघों को देखने की चाहत सात समुंदर पार से खींच लाई ताड़ोबा
बाघों को देखने की चाहत सात समुंदर पार से खींच लाई ताड़ोबा

हेमंत डोर्लीकर, चंद्रपुर।  इस जहां में निसर्ग प्रेमियों की कमी नहीं है भारत में भी प्रकृति का खजाना छिपा है इस बाात की जानकारी रखने वाले टूरिस्ट विदेश से यहां आकर एन्जाय करते हैंं। चंद्रपुर के ताड़ोबा में बाघों के दर्शन की ख्वाहिश लेकर पहुंचा है आस्ट्रिया से एक टूरिस्ट कपल। सिमोन स्प्राटिनेचेर और योहन्ना फर्टलीनर का कहना है कि हम पर्यटन के शौकीन हैं, किंतु जल्दबाजी में ना तो किसी टूर को एन्जाय किया जा सकता है  और ना ही वहां के नएपन का अनुभव किया जा सकता है। हम टूर को आराम से करना पसंद करते हैैं। हमने 27 दिसंबर 2017 से आस्ट्रिया के डोरफ्ब्यूरेन सलाजबर्ग से अपने हाउस ऑन व्हील्स अर्थात घरनुमा गाड़ी से सफर शुरू किया। बाघों की चाहत और उनके आकर्षण ने हमें ताड़ोबा खींच आया। ताड़ोबा एक बेहतरीन पर्यटन केंद्र होकर यह किसी भी पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखता है। भारत में हमने अमृतसर, उदयपुर, गोवा और ताड़ोबा की सैर की। भारत में मेहमानवाजी बहुत है। हमारा टूर यादगार साबित होगा। ऐसा कहना है आस्ट्रिया के युवा जोड़े सिमोन स्प्राटिनेचेर और योहन्ना फर्टलीनर का।

अवकाश का उठाते हैं पूरा-पूरा फायदा

बता दें कि सिमोन और योहन्ना आस्ट्रिया के डोरफब्यूरेन सलाजबर्ग निवासी होकर उन्हें पर्यटन में काफी दिलचस्पी है। सिमोन एक कार कंपनी के मैकेनिक विभाग में व  योहन्ना बूट कंपनी में कार्यरत है। आस्ट्रिया में 6 माह काम और 6 माह अवकाश होता है। इस बात का फायदा उठाकर दोनों निकल पड़े हैं अपना शौक पूरा करने के लिए।  31 और 33 वर्षीय इस जोड़े ने अब तक दो सफर पूरे किए हैं। यह उनकी तीसरी पर्यटन यात्रा है, जो सबसे लंबी है। इस सफर में वे लगभग 41 हजार कि.मी. से अधिक लंबी दूरी तय करेंगे। ताड़ोबा पहुंचने तक उन्होंने आस्ट्रिया के साथ हंगेरिया, बल्गेरिया, सर्बिया, टर्की, जार्डन, अझरबैझान, इरान, पाकिस्तान और भारत समेत  10 देशों की यात्रा की। भारत से वे नेपाल होते हुए आस्ट्रिया रवाना होंगे। ताड़ोबा स्थित टाइगर वैली रिसोर्ट में पर्यटन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी  यात्रा में नए-नए अनुभव आते हैं। कुछ नया सीखने को मिलता है। वे अपने वाहन से आराम से यात्रा कर रहे हैं। जहां चाहो वहां उतने दिन ठहरो। इससे वे उस जगह, वहां के वातावरण, लोग, परंपरा, भोजन, व्यंजन आदि के बारे में जान पाते हैं। उनकी इस 20 हजार कि.मी. की संपूर्ण यात्रा में उन्हें केवल पाकिस्तान में थोड़ा भय लगा। 
   

भारत में मिली राहत

भारत में प्रवेश करते ही बढ़ी राहत महसूस होने की बात उन्होंने कही। सिमोन व योहन्ना ने बताया कि इतना लंबा सफर पूरा करना कोई आसान बात तो है नहीं, किंतु जिन देशों में वे गए वहां के लोगों ने उन्हें सहयोग किया। इसलिए उनकी यात्रा सुलभ हो पाई। वहां के लोगों ने मेहमान नवाजी की और आदर से पेश आए। यही बात मानवीय सभ्यता को जोड़ती है। उन्हें जैसे-जैसे समय मिलेगा वे अपने हाउस ऑन व्हील्स पर पर्यटन करते रहेंगे। भारत में अनेक क्षेत्र उन्हें अभी भी देखने बाकी हैं। इसलिए उन्होंने दोबारा यहां आकर अपनी हसरत पूरी करने की इच्छा जताई। 

ऐसा है हाउस ऑन व्हील्स 

सिमोन और योहन्ना ने जिस वाहन में 20 हजार 700 कि.मी. की ताड़ोबा तक की यात्रा लगभग 14 सप्ताह में पूरी की है, इस वाहन को हाउस ऑन व्हील्स अर्थात चलता फिरता घर कहते हैं। इस हाउस के अंदर दो लोगों के लिए जरूरत की वस्तुओं में बेड, फ्रिज, ड्रावर्स आदि रखे गए हैं। वाहन के पिछले हिस्से में दो साइकिलें बांधकर रखी गई हैं। जब मन किया साइकिल से थोड़ी-बहुत सैर कर ली। वाहन पर सोलर पैनल्स लगे हुए हैं, जो उनके हाउस की बैटरी, फ्रिज व बिजली की जरूरत को पूरा करती है। गाड़ी में टूल किट भी है। जरूरत पडऩे पर इस किट की मदद से आगे बढ़ा जा सकता है। 

भारत में है रंगबिरंगी संस्कृति

सिमोन और योहन्ना ने भारत यात्रा के अनुभव साझा करते हुए बताया कि भारत में रंगबिरंगी संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। हर 10-20 कि.मी. पर अलग-अलग बोली-भाषाएं, संस्कृति, परंपरा, खानपान आदि भिन्न होकर यहां अलग-अलग लोग देखने को मिले। फिर भी उनमें एकता की झलक दिखाई दी। यहां के लोग हंसमुख हैं। मीठा बोलते हैं। उनकी भाषा तो नहीं समझ पा रहे हैं, किंतु उनका स्नेहभरा बर्ताव अपनेपन का एहसास कर रहा है।


 

Created On :   16 April 2018 10:11 AM GMT

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