दाभोलकर-पानसरे मामले में बोले फडवीस, अदालत की टिप्पणी कानूनी आदेश नहीं

Dabholkar-Pansare case : CM said court comment is not legal order
 दाभोलकर-पानसरे मामले में बोले फडवीस, अदालत की टिप्पणी कानूनी आदेश नहीं
 दाभोलकर-पानसरे मामले में बोले फडवीस, अदालत की टिप्पणी कानूनी आदेश नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पानसरे, दाभोलकर हत्याकांड मामलों में बार-बार अदालत की फटकार की खबरों पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में लंबी सफाई दी। उन्होंने कहा कि अदालत जो कुछ कहती है वह कानूनी आदेश या राय नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि ऑब्जर्वेशन मौखिक होते हैं और यह आदेश में नहीं आते। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में खबरें छापते हुए विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि लोकतंत्र के तीनों अंगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और एक दूसरे के खिलाफ गलत टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। साथ ही आदेश में कहा गया है कि न्यायाधीशों को सरकारों का सम्मान करना चाहिए। हम न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं और तीनों अंगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। दरअसल पानसरे हत्या मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि क्या मुख्यमंत्री एक पार्टी विशेष के हैं। मीडिया में छपी खबरों से आहत दिख रहे मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए मुद्दे का जवाब देते हुए विभिन्न आदेशों का हवाला दिया। 

पाठ्यक्रम को लेकर विशेषज्ञों की समिति

महाराष्ट्र बोर्ड के पाठ्यक्रम में बदलाव पर विपक्ष के ऐतराज को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एनसीआरटी के सुझाव के आधार पर पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। दूसरी कक्षा के बच्चों को जल्द और आसानी के चीजें कैसे समझाई जा सकती हैं इसे ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने सदन में बताया किशुरूआत में बच्चों को आसान भाषा में चीजे सिखाई जातीं हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगा और अगर उनकी तरफ से सुझाव आया तो पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। राकांपा के अजित पवार ने पाठ्यक्रम में बदलाव का मुद्दा उठाया था जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मराठी की किताब देखेंगे तो उसमें बीस एक के आगे इक्कीस भी लिखा है। छोटे बच्चों को आसान भाषा में ही चीजें समझाई जातीं हैं। 

जययुक्त शिवार से सूखे में बड़ा फायदा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जलयुक्त शिवार योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इसी के चलते राज्य में भयंकर सूखे के हालात का असर कम करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों पर नजर डाले तो साफ होता है कि कम बारिश के बावजूद अजान का उत्पादन ठीकठाक रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 70 फीसदी बारिश में 115 लाख मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन हुआ है। जबकि साल 2016 में 95 फीसदी बारिश में रिकार्ड 145 मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन हुआ था। सिर्फ बारिश कम नहीं हुई थी बल्कि बरसात के बीच लंबा अंतर रहा लेकिन जलयुक्त शिवार से पानी की बचत के चलते अनाज का उत्पादन बढ़ाने में हम सफल रहे। उन्होंने योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों से भी इनकार किया। 

केवल खनिजकर्म महामंडल के पास होगा बालू खनन का अधिकार 

प्रदेश में बालू खनन का अधिकार अब केवल राज्य खनिजकर्म महामंडल के पास होगा। खनिजकर्म महामंडल के पास ही बालू बेचने की अनुमति होगी। इससे संबंधित प्रस्ताव पर राज्य सरकार जल्द ही फैसला करेगी। विधान परिषद में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। पाटील ने कहा कि सरकार के पास बालू खनन का अधिकार खनिजकर्म महामंडल को देने के बारे में प्रस्ताव आया है। इसके तहत खनिजकर्म महामंडल डर जिले में डिपो तैयार करेगा। गुरुवार को सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए भाजपा समर्थित सदस्य विनायक मेटे ने बीड़ और जालना में अवैध तरीके से बालू खनन का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में पाटील ने कहा कि खनिजकर्म महामंडल के अध्यक्ष आशीष जायसवाल से इस संबंध में चर्चा शुरू है। सरकार यह सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि खनिजकर्म महामंडल को दिए जिम्मेदारी देने पर पूरी जवाबदेही महामंडल की होगी। पाटील ने कहा कि बालू चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। लेकिन बालू चोरी में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन करने के लिए अध्ययन किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में पाटील ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में अवैध तरीके से बालू ढोने वाले 13 हजार वाहन जब्त किए गए हैं। जब्त वाहनों को छोड़ने के लिए सरकार पर दबाव आ रहा है। वे लोग दंड देने के लिए भी तैयार हैं। इस बारे में फैसला लेने के लिए वित्त विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। अवैध तरीके से बालू ले जाने वाले वाहन को पकड़े जाने पर 5 लाख रुपए दंड वसूला जाता है। पाटील ने बताया कि अवैध खनन और परिवहन को लेकर पिछले एक साल में बीड़ में 4 करोड़ 86 लाख और जालना में 87 लाख 24 हजार दंड वसूल किए गए हैैं। पाटील ने बताया कि 5 ब्रास तक घर बनाने के लिए आम लोगों को मुफ्त में बालू दिया जाता है। इसी बीच विधायक मेटे ने बीड़ के गेवराई और जालना के अंबड और धनसांवगी के अधिकारियों पर अवैध खनन में लिप्त होने का आरोप लगाया। इस पर पाटील ने कहा कि मेटे ने जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं उनकी विभागीय आयुक्त से जांच कराई जाएगी।

Created On :   20 Jun 2019 5:06 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story