दिल्ली हाईकोर्ट ने एनसीबी मुंबई जोनल के पूर्व निदेशक वानखेड़े की याचिका पर विचार करने से इंकार किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोनल के पूर्व निदेशक समीर वानखेडे की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में तलाशी, जब्ती या गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी। वानखेडे के खिलाफ यह मामला एनसीबी के सहायक महानिदेशक द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो को एक सूचना भेजे जाने के बाद शुरु किया गया है। हालांकि वानखेड़े ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं है, लेकिन उन्हें मौखिक रूप से सूचित किया गया है कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर कुछ कार्यवाही शुरू की गई है। वानखेडे ने याचिका में उनके खिलाफ तलाशी या जब्ती के मामले में किसी भी कार्रवाई से पहले प्रासंगिक दस्तावेजी सबूत पेश करने के लिए समय दिए जाने की भी मांग की। जस्टिस जयराम भंभानी (एकल बेंच) ने यह देखते हुए याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया कि जिस सूचना को आधार बनाने की मांग की गई उससे संबंधित तथ्य का याचिका में अभाव था। न्यायालय ने कहा कि इस तरह के सूचना के अभाव में याचिका पर विचार करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र भी संदेह के घेरे में आएगा। इसलिए कोर्ट ने बानखेड़े के वकील को याचिका वापस लेने और उपयुक्त अदालत के समक्ष चुनौती दी जाने वाले दस्तावेजी सबूत की प्रति के साथ एक नई याचिका दायर करने की अनुमति दी।
Created On :   6 Jan 2023 10:03 PM IST