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संसद : बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलने पर जल्द हो निर्णय, रेप पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं कर सकता मीडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने केन्द्र सरकार से एक बार फिर बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर मुंबई हाई कोर्ट करने की मांग की है। उन्होने यह मांग मंगलवार को राज्यसभा में विशेष उल्लेख के तहत उठाई। राजीव सातव ने कहा कि मुंबई शहर का नाम मुंबा देवी के नाम पर है, इसलिए इसे मुंबई कहा जाता है। हम लंबे समय से बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलने की मांग करते रहे हैं। यह मांग अभी केन्द्र सरकार के पास लंबित है। इस सदन के माध्यम से उन्होने सरकार से आग्रह किया कि बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम मुंबई हाई कोर्ट करने को लेकर जल्द-से-जल्द निर्णय लिया जाए।
संसद में उठी बाल शहीदों के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने की मांग
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बाल शहीदों की याद में एक राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने की मांग की है। उन्होने कहा कि साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में अल्प आयु के बच्चों की अहम भूमिका थी। सिन्हा ने यह मांग मंगलवार को राज्यसभा में विशेष उल्लेख के तहत उठाई। उनकी इस मांग की सराहना राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी की। सांसद ने कहा कि पटना सचिवालय पर तिरंगा फहराने के संकल्प में 11 अगस्त 1942 को जिन सात सेनानियों ने शहादत दी थी, उनमें से चार 9वीं कक्षा के छात्र थे तो दो 10वीं कक्षा के। एक ने मात्र 12 वर्ष की आयु में शहादत दी थी। खुदीराम बोस ने भी 18 वर्ष की आयु में राष्ट्र के लिए प्राणोत्सर्ग किया। इसी प्रकार चाहे महाराष्ट्र के 15 वर्षीय शिशिर मेहता की शहादत हो या फिर असम के 17 वर्षीय कनकलता बरूआ की शहादत, ये सभी हमारे प्रेरणा और राष्ट्रवादी ऊर्जा के स्त्रोत हैं। श्री सिन्हा ने मांग की कि स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह पर बाल स्वतंत्रता सेनानियों के संबंध में जानकारियों एकत्रित कर उनके लिए एक राष्ट्रीय संग्रहालय बनाया जाए और इन बाल शहीदों पर मोनोग्राफ का प्रकाशन किया जाए।
बलात्कार पीड़िताओं की पहचान उजागर नहीं कर सकता मीडिया : जावड़ेकर
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मीडिया संगठन बलात्कार पीड़िताओं की पहचान किसी भी रूप में जाहिर नहीं कर सकते। जब भी इस तरह की शिकायतें सरकार को मिलती है तब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाती है। जावड़ेकर ने यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के एक सवाल के जवाब में दी। तन्खा ने पूछा था कि क्या हाल ही में कुछ मीडिया संगठनों ने बलात्कार पीड़िताओं की पहचान का खुलासा करके बलात्कार संबंधी कानूनों की अवहेलना की है? यदि ऐसा हुआ है तो इन मीडिया संगठनों या रिपोर्टरों के विरूद्ध क्या कार्रवाई की गई? केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि निजी सैटलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित सभी कार्यक्रमों को केबल टीवी नेटवर्क नियमावली, 1994 के तहत निर्धारित ‘कार्यक्रम संहिता’ का पालन करना अपेक्षित है। उन्होने बताया कि संपूर्णा बेहुरा बनाम संघ सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में भी मंत्रालय ने दो एडवाइजरी जारी की है जिनमें सभी प्राइवेट चैनलों को यौन शोषण के पीड़ितों की फोटो प्रदर्शित नहीं करने के लिए कहा गया है। भारतीय प्रेस परिषद् पीड़िताओं की पहचान जाहिर किए जाने की शिकायत मिलने पर प्रिंट मीडिया के विरूद्ध कार्रवाई करती है।
Created On :   23 March 2021 8:44 PM IST