डेंगू का कहर - प्रदेश में सबसे ज्यादा जबलपुर में सामने आए 700 मामले

Dengues havoc - 700 cases in Jabalpur highest in the state
डेंगू का कहर - प्रदेश में सबसे ज्यादा जबलपुर में सामने आए 700 मामले
सितंबर में सामने आए इस वर्ष के सबसे ज्यादा डेंगू पीडि़त, नए मरीजों की संख्या घटी डेंगू का कहर - प्रदेश में सबसे ज्यादा जबलपुर में सामने आए 700 मामले

डिजिटल डेस्क जबलपुर। शहर में जैसे-जैसे कोरोना का प्रभाव कम हुआ, उसके बाद डेंगू-वायरल का प्रकोप शहरवासियों ने झेला। पिछले 6 माह की बात करें तो शहर की सेहत किसी न किसी कारणों से बिगड़ती ही रही। अप्रैल और मई में कोरोना, तो सितंबर माह में डेंगू ने कहर बरपाया। अस्पतालों में बेतहाशा भीड़ और बिस्तरों को लेकर मारामारी के दृश्य सामने आए। हालाँकि मौसम में बदलाव के साथ डेंगू के नए केस कम हुए हैं। यह बात कम से कम सरकारी आँकड़ों में तो साबित हो रही है। गुरुवार को भी केवल 1 डेंगू पीडि़त एलाइजा टेस्ट में सामने आया, लेकिन आँकड़ों का एक पहलू और है। प्रदेश के कुछ अन्य महानगरों की तुलना में जबलपुर में इस वर्ष सबसे ज्यादा डेंगू पीडि़त सामने आए हैं। जनवरी माह से लेकर अब तक 700 से ज्यादा डेंगू पीडि़त मिले हैं, प्रदेश में दूसरे नंबर पर ग्वालियर है। जहाँ मरीजों की संख्या 600 से ज्यादा पहुँच चुकी है।
ऐसी है स्थिति 
 प्रदेश के 5 प्रमुख महानगरों की बता करें तो जबलपुर पहले और ग्वालियर दूसरे नंबर पर है। इसके बाद इंदौर, भोपाल और फिर सागर का नंबर है। कुछ दिनों पूर्व तक इंदौर दूसरे नंबर पर था, लेकिन ग्वालियर में नए मरीजों के मिलने की रफ्तार अधिक है, जिसके बाद इंदौर तीसरे नंबर पर आ गया। 
अक्टूबर में अब तक 58 मरीज
इस माह में 14 अक्टूबर तक 58 डेंगू के मरीज सामने आए हैं। जिले में डेंगू से मौतें हुई हैं लेकिन मलेरिया विभाग द्वारा केवल एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आए मरीजों को ही डेंगू मरीज के तौर गिना जाता है। डेंगू से मौत होने के कई मामलों में मरीज किट से टेस्ट कराकर इलाज ले रहे होते हैं, यह मौत रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होती।
दूसरी बार 7 सैकड़ा के भी पार
पिछले 5 वर्षों की बात करेें तो दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब डेंगू के मामले सरकारी रिकॉर्ड में 700 से पार गए हैं। इसके लिए जिला मलेरिया विभाग द्वारा 6 हजार से ज्यादा एलाइजा टेस्ट किए जा चुके हैं।  इसके पहले वर्ष 2018 में 825 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2017 में 130, 2019 में 393 और 2020 में 39 मामले सामने आए थे।

Created On :   16 Oct 2021 3:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story