दंत महाविद्यालय ने पकड़ी डिजिटाइजेशन की राह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय दंत महाविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटाइजेशन की राह पकड़ी है। जिस कारण मरीजों के साथ विद्यार्थियों को भी लाभ हो रहा है। जल्द वर्चुअल लैब व स्कील लैब भी साकार की जाएगी। जिस कारण भावी दंत चिकित्सकों को अधिक गहराई के साथ प्रात्याक्षिक करने में मदद मिलेगी। दंत महाविद्यालय के मौजूदा विभागों को अत्याधुनिक करने के साथ नए विभाग शुरू करने पर भी जोर दिया जा रहा है। महाविद्यालय की नई इमारत बनकर तैयार है। यहां सुपर स्पेशलिटी की तरह उपचार उपलब्ध कराने का प्रयास है। उसकी भी तैयारी शुरू की गई है। स्वाध्याय 1 व स्वाध्याय 2 दो डिजिटल कमरे तैयार हैं। अब वर्चुअल लैब साकार की जा रही है। इसके लिए स्टिम्युलेटर की जरूरत है। मशीन खरीदी के लिए प्रशासकीय मान्यता मिली है। हाफकिन्स द्वारा निविदा प्रक्रिया भी पूरी की गई है। जिस कारण अगले 6 महीने में वर्चुअल लैब कार्यान्वित हो सकेगी। यह सुविधा उपलब्ध होते ही विद्यार्थी स्क्रीन पर प्रत्यक्ष प्रात्याक्षिक कर सकेंगे। प्रत्यक्ष क्लीनिकल ट्रायल के पहले विद्यार्थियों को कुछ ट्रायल देने होते हैं। ऐसे समय यह सुविधा उपलब्ध होने से विद्यार्थियों को अधिक गंभीरता से पाठ्यक्रम पूरे कर सकेंगे। इससे अच्छे दंत चिकित्सक तैयार होने में मदद मिलेगी। स्कील लैब के कारण बाहर से प्रशिक्षण के लिए आने वालों को भी लाभ मिल सकेगा।
ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा
उपचार के लिए आने वाले मरीजों के पास खुले पैसे नहीं होने से दिक्कतें आती हैं। हाल में ओपीडी में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराकर यह समस्या हल की गई है। यह सुविधा मरीजों के लिए ज्यादा सुविधाजनक होगा। हिसाब रखने में भी मदद मिलेगी।
एक्स-रे डिजिटाइजेशन
एक्स-रे फिल्म के बजाए अब डिजिटल एक्स-रे शुरू करने का प्रयास है। यह सुविधा उपलब्ध होने पर मरीज और डॉक्टरों के लिए भी सुविधा जनक होगा। अधिष्ठाता की वाहन पार्किंग की जगह पर नया विभाग शुरू किया गया है। बाहर कैम्प लेने सहित मरीजों को इस जगह प्राथमिकता से उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
Created On :   17 July 2022 7:26 PM IST