टैक्स भरने के बावजूद भी फुटपाथ विक्रेताओं पर हो रही कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, वर्धा, अमित शामडीवाल| जहां नगर परिषद की ओर से टेंडर निकालकर फुटपाथ दुकानदारों से टैक्स वसूल रही है, वहीं दूसरी ओर फुटपाथ विक्रेताओं पर अतिक्रमण की कार्रवाई भी की जा रही है। इस कारण फुटपाथ विक्रेता रोजाना टैक्स का भुगतान करने के बावजूद अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद लगाया गया जुर्माना भी भरते आ रहे हैं। यानी कार्रवाई के दिन टैक्स नहीं बल्कि फुटपाथ विक्रेताओं को जुर्माने का भुगतान करना होता है। इस तरह दोनों ओर से फुटपाथ विक्रेताओं पर मार पड़ रही है। नप द्वारा फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले दुकानदारों से लिए जाने वाले टैक्स को पिछले तीन साल में चार गुना बढ़ा दिया गया है। बावजूद आए दिन अतिक्रमण की कार्रवाई की जा रही है। इन सबके बीच बिना किसी संकोच और बहस के फुटपाथ विक्रेता संबंधित ठेकेदार को रोजाना टैक्स का भुगतान करते हैं। इधर नप प्रशासन को जिस दिन अतिक्रमण की कार्रवाई करनी होती है, उस दिन संबंधित ठेकेदार को रसीद दिए जाने का मना कर फुटपाथ विक्रेताओं पर अतिक्रमण की कार्रवाई कर हजारों का जुर्माना वसूला जाता है।
बता दें कि साल 2022 के अक्टूबर माह में नप प्रशासन की ओर से फुटपाथ टैक्स के ऑक्शन किया गया था। इसमें 21 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक विक्की वल्के नामक ठेकेदार को 11 लाख 51 हजार में टेंडर दिया गया।
इस कारण संबधित ठेकेदार रोजाना नगर परिषद सीमा अंतर्गत फुटपाथ विक्रेतओं से टैक्स वसूल करते हैं। जहां साल 2019-20 में फुटपाथ विक्रेताओं से प्रतिदिन 5 रुपए का टैक्स लगता था उसे नप ने बढ़ाकर 2022-23 में 20 रुपए कर दिया। इस कारण बीते तीन साल में फुटपाथ विक्रेतओं को लगने वाले प्रतिदिन के टैक्स में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है।
कार्रवाई के दिन नहीं दी जाती रसीद
निखिल लोहवे, मेलकत व्यवस्थापक के मुताबिक जिस दिन कार्रवाई की जानी तय होती है उस दिन उन स्थानों के फुटपाथ विक्रेताओं को फुटपाथ टैक्स की रसीद नहीं दी जाती है और अतिक्रमण की कार्रवाई की जाती है। जब तक उससे फुटपाथ का टैक्स नहीं लिया जाता जब तक वह फिर से उस स्थान पर दुकान नहीं लगाता।
Created On :   24 Jan 2023 5:18 PM IST