पाबंदी के बावजूद जमकर बिके घास निरोधक बीटी बीज, अब उठी CBI जांच की मांग

Despite the ban, the fatty meals Bt seed are being sold
पाबंदी के बावजूद जमकर बिके घास निरोधक बीटी बीज, अब उठी CBI जांच की मांग
पाबंदी के बावजूद जमकर बिके घास निरोधक बीटी बीज, अब उठी CBI जांच की मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वसंतराव नाईक शेती स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा है कि मोंसेंटो कंपनी के घास निरोधक बीटी बीज की बिक्री पर पाबंदी के बावजूद महाराष्ट्र, तेलंगना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में 35 लाख पैकेट की अवैध बिक्री की गई है। इसका खुलासा दिल्ली के साउथ एशिया बॉयोटेक्नोलॉजी सेंटर की रिपोर्ट में हुआ है। पाबंदी रहने के बाद भी बीज बाजार में कैसे आए। इसकी सीबीआई जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की जानी चाहिए।

बिक्री कैसे हुई, मुख्य सवाल

प्रतिबंधित घास निरोधक कपास के बीज की बिक्री का मुद्दा महाराष्ट्र में चर्चा में आने पर कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर के बाद किशोर तिवारी ने सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय से सीबीआई जांच की गुहार लगाई है। भारत सरकार की कृषि संशोधन परिषद, कपास अनुसंधान संस्था तथा कृषि विश्वविद्यालय पर अवैध बीजों रोकने की जिम्मेदारी है। ऐसे बीजों को अनुमति देने के लिए नियम, कानून बनाए गए हैं। केंद्रीय कपास अनुसंधान परिषद, कृषि परिषद तथा िवविध संस्थाओं का बीजों पर नियंत्रण रहता है। इन संस्थाओं की अनुमति के बिना ऐसे बीजों को देश में नहीं लाया जा सकता। फिर इन बीजों की बिक्री कैसे हुई, यह मुख्य सवाल है। देश के राज्यों में यह गोरखधंधा चल रहा है। इसके पीछे कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी तथा पुलिस के हाथ मिले होने का उन्होंने आरोप लगाया। 

संघ के विरोध के चलते भारत में नहीं मिली अनुमति

इस वर्ष यह बीज भारत में अधिकृत रूप से बिक्री के लिए उतारा जाने वाला था। मोंसेंटो ने बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन भी किया था, लेकिन स्वदेशी जनजागरण मंच ने इसका तीव्र विरोध किया था। इसके चलते केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी। इसलिए 200 रुपए का पैकेट 1100 रुपए में बेचने का गोरखधंधा शुरू किया गया। घटिया बीज किसानों को थमाए गए और अधिक दाम चुकाने के बाद भी किसानों पर मौत को गले लगाने की नौबत आ गई।

Created On :   22 Oct 2017 6:47 PM IST

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