- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- उच्च वेतनमान के लिए विलय की तारीख...
उच्च वेतनमान के लिए विलय की तारीख से होगा वरिष्ठता का निर्धारण

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों से मप्र विद्युत मंडल में आए कर्मियों के उच्च वेतनमान के लिए वरिष्ठता का निर्धारण समितियों के मप्र विद्युत मंडल में विलय की तारीख से किया जाएगा। जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने कर्मियों को पेंशन और मेडिकल सुविधा मप्र विद्युत मंडल के नियमों के अनुसार देने का आदेश दिया है।
सहकारी समितियों के कर्मियों के साथ भेदभाव
रीवा निवासी रामसजीवन सहित 108 कर्मियों की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर कहा गया कि वर्ष 2002 में प्रदेश की 8 ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों का विलय मप्र विद्युत मंडल में हुआ। वर्ष 2010 में चार और ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों को विलय किया गया। याचिका में कहा गया कि ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों से मप्र विद्युत मंडल में आए कर्मियों को उच्च वेतनमान, छठवें वेतनमान, पेंशन और अन्य अनुषांगिक लाभों के लिए उनके द्वारा समितियों में की गई सेवा को नजरअंदाज किया जा रहा है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अजीत सिंह ने तर्क दिया कि सहकारी समितियों के कर्मियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्हें मप्रविमं के कर्मियों के समान उच्च वेतनमान और अन्य लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। अधिवक्ता एमके अग्रवाल ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं के उच्च वेतनमान के मामले का पहले ही निराकरण हो चुका है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा समितियों में दी गई सेवाओं को उच्च वेतनमान के निर्धारण में नहीं गिना जाएगा।
याचिकाकर्ताओं को छठवें वेतनमान का पुनरीक्षित वेतनमान के आधार पर लाभ दिया जाएगा। एकल पीठ ने सभी कार्रवाई 6 माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है। रीवा निवासी रामसजीवन सहित 108 कर्मियों की ओर सेग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों से मप्र विद्युत मंडल में आए कर्मियों की याचिका पर फैसला देते हुए कोर्ट ने उक्त बात कही।
Created On :   4 April 2019 2:07 PM IST