हीरा कारोबारी शाह को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पीएनबी घोटाले के मामले में भगौड़े आरोपी नीरव मोदी व मेहुल चोकसी से जुड़े मामले की जांच के दायरे में आनेवाले हीरा कारोबारी रमेश शाह की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें शाह ने सीरियस फ्राड इनवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) की ओर से जारी किए गए लूक आऊट सर्कुलर (एलओसी) को चुनौती दी थी। याचिका में शाह ने मांग की थी कि उनकी यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल हटाने का निर्देश दिया जाए यह प्रतिबंध उनके मौलिक अधिकारों का हनन है किंतु न्यायमूर्ति पीबी वैराले एसएम मोडक की खंडपीठ ने शाह की याचिका को खारिज कर दिया है। खंडपीठ ने कहा कि नीरव मोदी व चोकसी से जुड़ा प्रकरण बड़े धोखाधड़ी से जुड़ा है जिसमें सरकारी खजाने को बड़ी चपत लगी है और इस मामले में कुछ आरोपियों का अभी भी पकड़ा जाना बाकी है। इस लिहाज से एसएफआईओ का यह तर्क न्याय संगत है कि याचिकाकर्ता ने (शाह) ने गीतांजलि जेम्स (चोकसी इसका मालिक है) के शेयर खरीदने को लेकर आए पैसों की सही व पूरी जानकारी नहीं दी है। ऐसे में इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जांच से बचने के लिए शाह विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं। यह मामले की जांच को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि शाह ने याचिका में कहा था कि उसने साल 2015 में गीतांजली के शेयर खरीदे थे और 18 महीने बाद बेच दिया था। इसके लिए सेबी से जरुरी अनुमति भी ली थी।
अगस्त 2020 में एसएफआईओ ने शाह को समन जारी कर अपने सामने हाजिर होने को कहा था इसके साथ ही शाह को निर्देश दिया था कि वह एसएफआईओ की अनुमति के बिना देश छोड़कर न जाए। इसके बाद शाह एसएफआईओ के सामने हाजिर हुए और दस्तावेज भी दिए। याचिका में शाह ने कहा कि उनकी विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। वहीं एसएफआईओ के वकील ने कहा कि नीरव मोदी व चौकसी ने 20 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी की है। याचिकाकर्ता ने चोकसी द्वारा नियंत्रित संस्था से निधी ली थी।
Created On :   8 July 2022 7:16 PM IST