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डीजल खत्म, ठिठक गई बसें, यात्री परेशान , नागपुर के चारों डिपो ठप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शुक्रवार को नागपुर शहर के चारों बस डिपो से दोपहर तक एक भी एस टी बस नहीं चल सकी। डीजल खत्म होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। अधिकारियों की मानें तो तकनीकी खामियों के कारण ऐसा हुआ है। लेकिन कर्मचारी इसका कारण नियोजन की कमी बता रहे हैं। कारण जो भी हो, उपरोक्त स्थिति से सुबह से ही यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। नागपुर से हिंगणा, गड़चिरोली, चंद्रपुर, बेला, देवडी, गोंदिया, पांढरकावड़ा, गुमगांव, शिवनी, छिंदवाड़ा किसी भी जगह नागपुर से सीधे तौर पर दोपहर तक कोई बस नहीं चली थी। यह स्थिति गत माह दिसंबर में भी देखने मिली थी। बावजूद इसके प्रशासन सीख लेते नहीं दिख रहा है।
नागपुर के गणेशपेठ, घाटरोड़, इमामवाड़ा व वर्धमान नगर की बात करें तो प्रति दिन यहां से 2 सौ से ज्यादा बसें उक्त दिशाओं की ओर चलाई जाती है। प्रतिदिन एक डिपो की 10 लाख से ज्यादा की आमदनी होती है। इन आमदनी के पैसों से ही राज्य मार्ग महामंडल की बसों में डीजल भरना जरूरी है। 3 दिन तक डिपो के पेट्रोल पंप पर बसों के लिए डीजल रखना अपेक्षित है। लेकिन लापरवाही कहें या पैसों का टोटा डीजल उपलब्ध नहीं रहता है। कई बार ऐसी स्थिति से प्रशासन को जूझना पड़ा है। शुक्रवार को स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। पंप में एक बूंद भी डीजल नहीं रहने से सुबह 5.30 बजे से एक भी बस गंतव्य की ओर दौड़ नहीं लगा सकी। ऐसे में बसों पर निर्भर रहनेवाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
निजी वाहनों की ओर रूख
गणेशपेठ बस स्टैण्ड की बात करें तो प्रतिदिन 20 हजार से ज्यादा यात्री इन पर निर्भर रहते हैं। जिसका मुख्य कारण सस्ता व सुविधाजनक सफर है। सुबह से ही नौकरीपेशा से लेकर स्कूल जाने तक के बच्चे इन बसों पर निर्भर रहते हैं। इनके अलावा जरूरी काम से अचानक सफर करनेवाले भी इनमें शामिल होते हैं। उपरोक्त हालात के कारण सभी को परेशान होना पड़ा। विकल्प की कमी के कारण कई यात्री निजी बसों की ओर रूख करते देखे गये। जिससे राज्य मार्ग परिवहन महामंडल का राजस्व घटने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता ।
कर्मचारियों में काम को ले0कर रोष
प्रशासन की लापरवाही के कारण कई कर्मचारियों में असंतोष बना रहा। निर्धारित समय पर डिपो पहुंचनेवाले कर्मचारियों को ड्यूटी नहीं दी गई। ऐसे में प्रशासन द्वारा उनके काम का समय पूरा होने के बाद उन्हें ड्यूटी पर भेजने की तैयारी दिखी। जिससे प्रशासन के खिलाफ रोष दिखाई दिया।
विभागीय कार्यालय से तकनीकी खामियों के कारण डीजल खत्म हुआ था। लेकिन दोपहर तक टैंकर आने से सभी बसों को पूर्ववत स्थिति में चलाया जानेवाला है। -अनिल आमनेरकर, डिपो मैनेजर, राज्य मार्ग परिवहन महामंडल नागपुर
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।