डीजल महंगा - ट्रैक्टर से खेतों की जुताई करने में हो रहा नुकसान

Diesel is expensive - the loss in plowing the fields with the tractor
 डीजल महंगा - ट्रैक्टर से खेतों की जुताई करने में हो रहा नुकसान
एक घंटे ट्रैक्टर चलाने में 150 से 200 रुपए का अतिरिक्त बोझ  डीजल महंगा - ट्रैक्टर से खेतों की जुताई करने में हो रहा नुकसान

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। खेती में ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों के उपयोग की सुविधा अब किसानों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। एक सप्ताह से हर दिन डीजल के दाम औसत 35 पैसे बढ़ रहे हैं तो वहीं दो साल में 33 रुपए प्रति लीटर दाम बढ़े हैं। इसके चलते खेतों में कल्टीवेटर, रोटावेटर, सीड ड्रिल, रीपर, थ्रेसर मशीन सहित अन्य कृषि यंत्रों के रेट बढ़ गए हैं।
खरीफ सीजन खत्म होते ही जिले के किसान गेहूं, चना और सरसों सहित अन्य फसलों के लिए खेत की तैयारी में जुट गए हैं। सोयाबीन और मक्का के पौधों की कटाई के बाद किसान कल्टीवेटर और रोटावेटर चलाकर खेत की जुताई कर रहे हैं। इधर ट्रैक्टर चलित थ्रेसर से मक्का और सोयाबीन की गहाई का काम भी हो रहा है। डीजल के दाम में रोज हो रही बढ़ोतरी से किसानों का लागत बजट बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि दो साल में डीजल के दाम लगभग डेढ़ गुना हो गए हैं। डीजल के साथ मजदूर और अन्य वस्तुओं के दाम बढऩ़े से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
एक एकड़ में छह लीटर डीजल खपत
एक एकड़ खेत की रोटावेटर से जुताई करने या एक एकड़ में सीड ड्रिल से बोवनी करने पर  करीब छह लीटर डीजल खर्च होता है, जबकि कल्टीवेटर से जुताई पर लगभग चार लीटर डीजल का उपयोग होता है। ट्रैक्टर चलित थ्रेसर से एक एकड़ खेत की सोयाबीन का थ्रेसिंग करने पर 12 लीटर डीजल की खपत होती है।
ऐसे बढ़े डीजल के दाम
अक्टूबर 2019 73.60
अक्टूबर 2020 79.74
अक्टूबर 2021 106.72
साल दर साल इस तरह बढ़ा खर्च
वर्ष कल्टीवेटर रोटावेटर सीडड्रिल थ्रेसर
2019 500 800 800 900
2020 600 1000 1000 1200
2021 800 1200 1200 1400
किसानों की व्यथा
ट्रैक्टर चलाना हुआ मुश्किल
बीते दो साल में डीजल ही नहीं आइल, ग्रीस, टायर ट्यूब, नट बोल्ट सहित कृषि यंत्रों के दाम भी बढ़ गए हैं। यदि डीजल के दाम इसी तरह बढ़ते रहे किसानों की प्रति एकड़ आमदनी दो से तीन हजार रुपए कम हो जाएगी।
देवेंद्र राउत कामठी मोहखेड़
खेती अब घाटे का धंधा
सरकार खेती का लाभ धंधा बनाने की बात कर रही है। इधर डीजल, खाद, बीज, दवा के दाम दो साल में दोगुने हो गए हैं। ऐसे किसानों के लिए खेती अब घाटे का धंधा बनती जा रही है।
हेमराज पवार, पालाचौरई जुन्नारदेव
दो साल में ट्रैक्टर से जुताई और बोवनी के रेट लगभग डेढ़ गुना हो गए हैं। गरीब किसान अब ट्रैक्टर का उपयोग करने से बच रहे हैं। आमदनी कम होने से ट्रैक्टर की बैंक किश्त निकालना मुश्किल लग रहा है।
सुरेश यदुवंशी, दरबई परासिया
 

Created On :   23 Oct 2021 8:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story