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31 अगस्त से हाईकोर्ट में शुरु होगी प्रत्यक्ष सुनवाई, चार महीनों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से थी जारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट में आगामी 31 अगस्त 2020 से आपराधिक मामलों से जुड़ी अपील पर प्रत्यक्ष सुनवाई होगी। कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर गत चार महीने से हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही हैं। रजिस्ट्रार (न्यायिक) वी.आर कचरे ने इस संबंध में नोटिस जारी की है। जिसके मुताबिक 31 अगस्त से 15 सितंबर 2020 के बीच अपील पर प्रत्यक्ष सुनवाई होगी। इस दौरान सभी सावधानी बरतते हुए सीमित संख्या में अपील पर सुनवाई की जाएगी। अधिक वकीलों को कोर्ट कक्ष में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वकीलों को सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क लगाना अनिवार्य होगा। मामले के पुकारे जाने के बाद ही वकील को प्रवेश दिया जाएगा। वकीलों के बैठने के लिए प्रतिक्षाकक्ष बनाया गया है।दो खंडपीठ व दो एकल न्यायमूर्ति अपील पर प्रत्यक्ष सुनवाई करेंगे। शेष न्यायमूर्ति वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई करेंगे।
रेप की झूठी शिकायत करने वाली महिला पर हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बॉयफ्रेंड के खिलाफ दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज करानेवाली महिला पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर महिला को जुर्माने की रकम महाराष्ट्र पुलिस कल्याण निधि में जमा करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ के सामने दायर याचिका में महिला ने दावा किया था कि उसने अपने परिवारवालों के दबाव में आकर नालासोपारा पुलिस स्टेशन में 16 मार्च 2020 को दुष्कर्म की शिकायत कराई थी। शिकायत में महिला ने कहा था कि उसे नशीली चीज पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। याचिका में महिला ने कहा था कि अब वह मुकदमा चलाने की इच्छुक नहीं है। इसलिए शिकायत को रद्द कर दिया जाए। क्योंकि उसके अपने बॉयफ्रेंड के साथ पहले से संबंध थे। जिसकी घरवालों को जानकारी हो गई थी। इसलिए उसने दबाव में मामला दर्ज कराया था। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर चुकी है आरोप पत्र दायर करने वाली है। इसलिए यदि कोर्ट मामले को रद्द करना चाहती है तो शिकायतकर्ता पर कड़ा जुर्माना लगाया जाए।खंडपीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद सरकारी वकील के आग्रह को स्वीकार करते हुए महिला पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और शिकायत को रद्द कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि जब महिला जुर्माने की रकम महाराष्ट्र पुलिस कल्याण निधि में जमा करेगी तभी शिकायत रद्द होगी।
Created On :   26 Aug 2020 7:34 PM IST