खुले में रखना पड़ रहा अनाज, उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्था

डिजिटल डेस्क शहडोल । धान उपार्जन में धीरे-धीरे तेजी आती जा रही है। जिले के 39 केंद्र बनाए गए हैं, जहां किसानों से उपज की खरीदी की जा रही है। खरीदी का कार्य सहकारी समितियों के माध्यम से हो रहा है, लेकिन आधे से अधिक केंद्रों में समिति संचालकों द्वारा नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। उपज लेकर पहुंंचने वाले किसानों को किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। किसानों को अपनी उपज खुले आसमान के नीचे रखना पड़ता है। अधिकतर केंद्रों में दूर दराज से आने वाले किसानों को रात हो जाती है, ऐसे में उपज खुले में रखनी पड़ती है।
ऐसा नजारा बुढ़ार क्षेत्र के गिरवा समिति तथा बलबहरा केंद्र में देखने को मिला। क्षेत्र के कई किसानों की खरीदी उसी दिन नहीं हो सकी। बोरियों में रखा धान यूं ही खुले में रखना पड़ा। केंद्र में न तो टेंट लगाया गया था और न ही बोरियों पन्नी आदि से ढका गया था। इसी प्रकार के हालात सिंहपुर, सामतपुर, झींकबिजुरी, रसमोहनी आदि केंद्रों में देखने को मिली।
ऐसी करनी है व्यवस्था
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि खरीदी केंद्रों मेें किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाना है। इसकेे तहत केंद्रों में उचित छाया के साथ ऐसी व्यवस्था करनी है ताकि रात के समय रुकने वाले किसानों फसल प्रभावित न हो। साथ ही पानी, इलेक्ट्रिक तौल कांटा के साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जानी है। जिले के एक दो को छोड़कर बाकी कं्रेदों में नियमों की परवाह नहीं की जा रही है।
परिवहन की मंथर गति
केंद्रों में धान का स्टाक अधिक जमा होने का एक कारण यह भी है कि परिवहन की रफ्तार बहुत कम है। परिवहनकर्ता द्वारा अभी तक मात्र 7.5 प्रतिशत ही उठाव किया गया है। जबकि परिवहन की गति को बनाए रखने के लिए इस बार शनिवार को खरीदी बंद रखी जा रही है। इसके बाद भी समय पर उपज गोदामों तक नहीं पहुंच पा रही है। अभी तक धान की कुल खरीदी 8234 क्विंटल के लगभग हो चुकी है। इसमें से करीब 3 हजार क्विंटल को ही गोदामों तक पहुंचाया जा सका है।
इनका कहना है
उपार्जन केंद्रों में सभी प्रकार की व्यवस्था कराई गई है। यदि किसी समिति में ऐसा नहीं है तो निर्देश दिए जाएंगे कि पूरी व्यवस्था करें।
जेएल चौहान, जिला आपूर्ति अधिकारी
Created On :   11 Dec 2017 1:31 PM IST