जिला परिषद चुनाव: गोंदिया में कांग्रेस ने किया बीजेपी से गठबंधन, वहीं भंडारा में एनसीपी के साथ आई

District Council election congress alliance with bjp in gondia
जिला परिषद चुनाव: गोंदिया में कांग्रेस ने किया बीजेपी से गठबंधन, वहीं भंडारा में एनसीपी के साथ आई
जिला परिषद चुनाव: गोंदिया में कांग्रेस ने किया बीजेपी से गठबंधन, वहीं भंडारा में एनसीपी के साथ आई

डिजिटल डेस्क, गोंदिया/ भंडारा । गोंदिया-भंडारा में जिला परिषद के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए  हुए चुनाव में एक बार फिर सत्ता की राजनीति सामने आई है। गोंदिया में जहां कांग्रेस और भाजपा का गठबंधन हुआ है वहीं भंडारा में कांग्रेस ने एनसीपी के साथ गठबंधन किया है।  गोंदिया जिला परिषद अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की फुलचुर जिला परिषद क्षेत्र की सदस्य सीमा विलास मड़ावी एवं उपाध्यक्ष पद पर भाजपा के हामीद अलताफ अकबर अली निर्वाचित घोषित किए गए। गौरतलब है कि जिला परिषद में कांग्रेस के सबसे कम 16 सदस्य रहने के बावजूद भाजपा से गठबंधन कर उसने दूसरी बार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने में सफलता प्राप्त की है। जिला परिषद के कुल 53 सदस्यों में राष्ट्रवादी कांग्रेस के 20, भाजपा के 17 एवं कांग्रेस के 16 सदस्य है। 

भंडारा में कांग्रेसी एकजुट हुए
 भंडारा जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस की आघाड़ी होकर अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के रमेश डोंगरे और उपाध्यक्ष पद पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के विवेकानंद कुर्झेकर विजयी हुए। कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस को शिवसेना व निर्दलीय का समर्थन मिला। कांग्रेस में निर्माण हुए दो समूह एक साथ आने से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को 39  वोट मिले। 
52 सदस्य संख्या वाली जिला परिषद में कांग्रेस के 19, राष्ट्रवादी कांग्रेस 15, भाजपा 13, शिवसेना एक व निर्दलीय चार सदस्यों का समावेश है।  

गठबंधन समझ से परे 
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व द्वारा समान विचारधारा वाले दल के साथ गठबंधन किए जाने की पहल की गई थी एवं इसके लिए कांग्रेस के राज्य नेतृत्व से लेकर जिले के नेतृत्व तक सभी को सुचना देकर बातचीत की पहल भी की गई। लेकिन राकांपा की पहल पर कांग्रेस नेतृत्व का रवैया सकारात्मक नही रहा। एक ओर जहां भाजपा के सांसद पार्टी नेतृत्व की अलोचना करते हुए अपनी लोकसभा की सदस्यता छोड़कर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए है। वही दुसरी ओर कांग्रेस के स्थानिय विधायक भाजपा के साथ गठबंधन कर सत्ता की भागीदारी कर रहे है। यह समझ से परे है। यह गठबंधन कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के कितना अनुकूल है यह उन्हे स्वयं विचार करना चाहिए। लगता है कि कांग्रेस विधायक भाजपा की राह पर चल रहे है। 
- गंगाधर परशुरामकर, पक्ष नेता, राकांपा जिप गोंदिया 

भाजपा कार्यकर्ताओं में भी दिखी नाराजगी 
गोंदिया जिला परिषद में कांग्रेस से गठबंधन कर उपाध्यक्ष पद हासिल करने के पार्टी नेतृत्व के निर्णय पर अनेक भाजपा कार्यकर्ताओं में भी स्पष्ट नाराजगी दिखाई पड़ी। कुछ कार्यकर्ताओं ने तो अपनी नाराजी से पार्टी के उपस्थित नेताओं को अवगत भी करा दिया। कार्यकर्ताओं ने आपसी बातचीत में स्पष्ट कहा कि यह निर्णय कार्यकर्ताओं की भावना के अनुकूल नही है। पार्टी को अगर गठबंधन भी करना था तो अध्यक्ष पद से कम की बात नही माननी चाहिए थी। कार्यकर्ता एक-एक व्यक्ति को जोड़कर पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे है। लेकिन इस तरह के गठबंधन से उनके मनोबल पर असर पड़ता है। 

Created On :   16 Jan 2018 2:46 PM IST

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