नए साल से डॉक्टरों की ‘कट प्रेक्टिस’ बंद, बजट सत्र में पेश होगा विधेयक

Doctors cut practice will Stop from news year, Bill is ready
नए साल से डॉक्टरों की ‘कट प्रेक्टिस’ बंद, बजट सत्र में पेश होगा विधेयक
नए साल से डॉक्टरों की ‘कट प्रेक्टिस’ बंद, बजट सत्र में पेश होगा विधेयक

डिजिटल डेस्क, नागपुर । विजय सिंह "कौशिक"। डॉक्टरों की ‘कट प्रेक्टिस’ पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। विधि और न्याय विभाग मसौदे का अध्ययन कर रहा है। अगले साल मार्च में होने वाले विधानमंडल के बजट सत्र में विधेयक को पेश करने की योजना है। विधेयक में ‘कट प्रेक्टिस’ का आरोप सिद्ध होने पर 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीष महाजन के मुताबिक इस कानून से आम लोगों को राहत मिलेगी। उनके इलाज के खर्च में कमी आएगी। कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। विधानमंडल के बजट सत्र में इसे पेश करने की योजना है।

कानून बनने से होगा फायदा

राज्य के मेडिकल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र इस तरह का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य होगा। कानून का मसौदा तैयार कर विधि व न्याय विभाग की मंजूरी के लिए भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानमंडल के बजट सत्र में पेश करने की योजना है। उन्होंने बताया कि पीड़ित व्यक्ति नजदीकी पुलिस स्टेशन में संबंधित डॉक्टर या अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकेगा।

दोष साबित हुआ तो होगी जेल

दोष साबित होने पर पहली बार 1 साल की सजा होगी। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। दूसरी बार इसी तरह के मामले में दोषी सिद्ध होने पर 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही लाईसेंस भी खत्म होगा। कानून बनने के बाद मामले में आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकेगा। इसके पहले कानून का मसौदा तैयार करने के लिए राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी। 

क्या है ‘कट प्रेक्टिस’

जब डॉक्टर मरीज को इलाज के लिए दूसरे डॉक्टर के पास भेजने के एवज में कमीशन ले, जरूरी न होने पर भी सिर्फ कमीशन के लिए पैथोलॉजी लैब से जांच करवाएं। इन गतिविधियों को चिकित्सा क्षेत्र में कट प्रेक्टिस कहा जाता है। दवा कंपनियों से मिलने वाले आर्थिक लाभ और मंहगे गिफ्ट के बदले निश्चित कंपनी की दवा लिखना भी कट प्रेक्टिस के दायरे में आता है। मेडिकल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मरीज को दवा खरीदने के लिए चुनिंदा मेडिकल स्टोर और जांच के लिए एक ही पैथालाजी सेंटर पर जाने के लिए कहना अपराध होगा। इस तरह के मामले में संबंधित व्यक्ति डॉक्टर-अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकेगा।                  

Created On :   22 Dec 2017 8:39 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story