डॉ. राऊत अनाथ बच्चों का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है

डॉ. राऊत अनाथ बच्चों का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है
कोविड से माता-पिता खो चुके बच्चों की मदद डॉ. राऊत अनाथ बच्चों का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने कोविड से अनाथ हुए बच्चों के बैंक खाते में  5-5 लाख रुपए जमा कर दिए हैं। यह जानकारी देते हुए पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के साथ है। बच्चों के संगोपण में यह मदद अहम साबित होगी। इन बच्चों की पढ़ाई नि:शुल्क होगी। इनके दु:ख शब्दों में बयां नहीं किए जा सकते हैं।   कोविड से अनाथ हुए बच्चों को  5 लाख फिक्स डिपॉजिट का प्रमाणपत्र व अनाथ प्रमाणपत्र का वितरण जिलाधीश कार्यालय के बचत भवन में किया गया। इस दौरान जिलाधीश विमला आर., जिला महिला व बाल विकास अधिकारी अपर्णा कोल्हे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव थोरात, बाल न्याय मंडल के सदस्य श्री. जोगी, सुरेखा बोरकुटे, अतिरिक्त जिला  स्वास्थ्य अधिकारी श्री. सालवे, एकात्मिक बाल विकास अधिकारी चिचाणे व जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुश्ताक पठान उपस्थित थे। 

21 वर्ष की आयु पूरा होने पर बच्चों को मिलेगी यह राशि

पालकमंत्री ने कहा कि जिन अनाथ बच्चों की आयु 18 से कम हैै, जिले में ऐसे 71 बच्चे हैं। इनमें से 61 बच्चों के बैंक खाते खोले गए हैं। माता-पिता दोनों खो चुके 52 लाभार्थियों के खाते में 5-5 लाख रुपए की निधि जमा की गई है। 21 साल की आयु पूर्ण होने के बाद यह निधि इन्हें मिलेगी। माता-पिता की कमी कोई दूर नहीं कर सकता, लेकिन यह मदद इनके जीवन में काम आएगी। कोविड की पहली व दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनों को खोया है आैर ऐसा संकट किसी पर नहीं आना चाहिए। 

नि:शुल्क होगी पढ़ाई

जिलाधीश ने कहा कि अनाथ बच्चों की पढ़ाई मुफ्त होगी। कोई भी स्कूल इनसे शुल्क नहीं लेगा। इस बारे में स्कूलों को सूचित किया गया है। निजी स्कूल भी इनसे शुल्क नहीं ले सकेंगे। प्रास्ताविक जिला माहिला व बाल विकास अधिकारी अपर्णा कोल्हे ने किया। कार्यक्रम में अनाथ बच्चे, उनके रिश्तेदार व अधिकारी-कर्मचारी में उपस्थित थे। संचालन कविता इखार व साधना हटवार ने व आभार बाल कल्याण अधिकारी मुश्ताक पठान ने माना।  
 

Created On :   24 Oct 2021 11:36 AM GMT

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