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शीत सत्र के दौरान पुलिस जवानों को 10 रुपए में मिलेगा गर्मा-गर्म खाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में शीतसत्र के बंदोबस्त के लिए बुधवार को बाहर से आए महिला-पुरुष पुलिस जवानों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बुधवार से बाहर से आने वाले पुलिस जवानों का आगमन शुरू हो गया है। 7 दिसंबर तक सभी पुलिस जवानों को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। इस बार शीतसत्र बंदोबस्त में तैनात रहने वाले पुलिस जवानों को 10 रुपए में गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उनके भोजन बनाने की व्यवस्था उनकी तैनाती स्थल पर की जाएगी। उन्हें सुबह के समय गर्म भोजन दिया जाएगा। रात के समय का भोजन उन्हें जहां पर ठहराया जाएगा, वहीं पर दिया जाएगा।
7 कैटर्स को मिला ठेका
ऑइस बार 7 कैटर्स को ठेका दिया गया है। पिछली बार उन्हें पार्सल में भोजन दिया गया था। यह भोजन उन तक पहुंचने के बाद पूरी तरह ठंडा हो जाता था। इस बात के मद्देनजर शहर पुलिस आयुक्त डा. के. व्यंकटेशम ने इस बार पुलिस जवानों को गर्म भोजन मिल सके, इसके लिए कैटर्स की व्यवस्था की है। यह कैटर्स पुलिस जवानों को गर्म भोजन परोसने वाला है। इसके अलावा शहर मुख्यालय में 150 पुलिस वाहनों का आगमन हो चुका है। इन वाहनों के चालकों ने शहर पुलिस वाहन विभाग (एमटीओ) में पहुंचकर हाजिरी लगा चुके हैं।
1200 वाहनों को बुलाया
इस बार शीतसत्र बंदोबस्त में बाहर से करीब 1200 वाहनों को बुलाया गया है। इसमें मंत्रियों, नेताओं के काफिले में शामिल होने वाले वाहन भी शामिल हैं। आगामी 11 दिसंबर को अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। 21 दिसंबर को अधिवेशन का संभवत: आखिरी दिन है। इस बार करीब 3 दिन पहले बाहर से सभी पुलिस जवान शहर में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उसके बाद उन्हें पुलिस नियंत्रण कक्ष से संबंधित स्थल पर भेजा जाएगा। बंदोबस्त में तैनात पुलिस जवानों को ठंड से बचाने के लिए इस बार उमरेड के जंगलों से पुलिस प्रशासन ने 175 स्थानों से जलाऊ लकड़ी की खरीदारी की है। जहां पर पुलिस अधिकारी-कर्मचारी तैनात रहेंगे, वहां पर ठंड से बचने के लिए सुबह और शाम को दी जाएगी। इसका उपयोग पानी गर्म करने के लिए भी किया जाएगा।
पहले एक ठेकेदार को मिलता था भोजन बनाने का ठेका
इसके पहले एक ठेकेदार को भोजन बनाने का ठेका दिया जाता था, जिससे समय पर पुलिस कर्मचारियों को भोजन नहीं मिल पाता था। इस बार अलग-अलग जगह के ठेकेदार अलग-अलग होंगे। इससे बंदोबस्त स्थल पर भोजन आसानी से मिल सकेगा। इसके पहले सुबह से ही भोजन बनाकर पार्सल तैयार किया जाता था, पार्सल पुलिस जवानों के पास पहुंचने तक ठंडा हो जाता था। इससे भोजन का `टेस्ट" खराब हो जाता था। कभी सब्जी-रोटी कम हो जाती थी तो कभी चावल-दाल। अब ऐसा नहीं होगा, इसलिए अलग-अलग ठेकेदारों को ठेका दिया गया है। पहले की अपेक्षा इस बार "क्वांटिटी" भी अधिक रहेगी। दोपहर के समय में पुलिस बंदोबस्त के जवानों को भोजन परोसा जाएगा।
Created On :   7 Dec 2017 5:32 PM IST