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पहले मतदान करने जाना पड़ता था 16 किलोमीटर, अब गांव में ही मिली वोटिंग की सुविधा
डिजिटल डेस्क, दरेकसा (गोंदिया). राज्य के गोंदिया जिले के अंतिम छोर पर बसे अतिदुर्गम, आदिवासी बहुल एवं नक्सल प्रभावित सालेकसा तहसील के मुरकुडोह गांव के मतदाता पिछले आठ वर्षों से लोकसभा, विधानसभा, जिला परिषद, पंचायत समिति जैसे चुनाव में अपने मताधिकार से वंचित हैं। हालांकि, इसके पूर्व मुरकुडोह गांव में मतदान केंद्र हुआ करता था, लेकिन आठ वर्ष पूर्व कुछ सुरक्षा संबंधी कारणों का हवाला देते हुए प्रशासन ने इस गांव में चुनाव के दौरान बनाए जाने वाले मतदान बूथ को यहां से 16 किलोमीटर दूर स्थित धनेगांव में जोड़ दिया था। ऐसे में यहां के मतदाता धनेगांव मतदान केंद्र तक पहुंच ही नहीं पाते थे और हर चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करने से वंचित रह जाते थे। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन देकर गांव के मतदान बूथ को गांव में ही बनाए जाने की मांग की। लेकिन प्रशासन की ओर से हर बार सुरक्षा संबंधी कारणों का हवाला देकर इसे टाल दिया जाता था। आखिरकार आठ वर्षों बाद शासन-प्रशासन ने यहां के ग्रामीणों की सुध ली। हाल ही में देवरी के उपविभागीय अधिकारी, सालेकसा के तहसीलदार नरसय्या गोंडागुर्ले ने गांव का जायजा लेकर 18 दिसंबर को होने जा रहे ग्राम पंचायत चुनाव में मुरकुडोह गांव में ही मतदान बूथ लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे यहां के नागरिक अब अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। यहां बता दें कि मुरकुडोह गांव यह पांच अलग-अलग बस्तियों में बसा हुआ हंै। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 640 है। लेकिन उनके पास आवागमन का कोई साधन नहीं होने एवं मार्ग भी अत्यंत जर्जर स्थिति में होने से केवल मतदान के लिए 16 किलोमीटर का पैदल अंतर तय करना उनके लिए संभव नहीं हंंै। विशेष रूप से महिलाओं एवं बुर्जुगों को भारी परेशानी होती है। इस समस्या को अनेक समाचार पत्रों एवं अन्य प्रसार माध्यमों ने भी उठाया था। आखिरकार आठ वर्षों बाद शासन-प्रशासन ने यहां के ग्रामीणों की सुध ली है और क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान हो, इसके लिए हाल ही में देवरी के उपविभागीय अधिकारी, सालेकसा के तहसीलदार नरसय्या गोंडागुर्ले ने जायजा लेकर आगामी ग्राम पंचायत चुनाव के लिए मुरकुडोह गांव में ही मतदान बूथ लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे यहां के नागरिक अब अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है।
जिलाधिकारी से मांग की थी
पिछले अनेक वर्षों के दौरान गांव में मतदान केंद्र न होने के कारण यहां के नागरिकों द्वारा अनेक चुनावों का बहिष्कार एवं उनकी लगातार गांव में ही मतदान केंद्र बनाने की मांग को देखते हुए स्थानीय परिस्थिति का जायजा लेकर ही मुरकुडोह गांव में मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव जिलाधिकारी महोदय को भेजकर मांग की गई थी।
- नरसय्या कोंडागुर्ले, तहसीलदार, सालेकसा
प्रशासन कोे करेंगे सहयोग
पिछले अनेक चुनाव के दौरान गांव में मतदान केंद्र नहीं होने के कारण विविध चुनावों का बहिष्कार किया गया। जिसके बाद मुरकुडोह गांव में ही मतदान के लिए मतदान केंद्र बनाने की शासन-प्रशासन ने सुध ली है। इस केंद्र में सुचारू रूप से शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी मतदाता नागरिक सहयोग करेंगे।
- मुकेश इनवाते, स्थानीय नागरिक, मुरकुडोह
Created On :   13 Dec 2022 6:32 PM IST