हड़ताल का असर - कोराड़ी खापरखेड़ा की 4 यूनिट बंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर. बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते खापरखेड़ा और कोराड़ी बिजली केंद्र को झटका लगा। खापरखेड़ा में 210 मेगावॉट के 3 यूनिट शाम तक बंद थे। कोराड़ी केंद्र में भी 500 मेगावॉट का एक यूनिट बंद रहा। इस कारण नागपुर जिले के विविध क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति खंडित रही। शाम को हड़ताल वापस लेने के बाद कर्मचारी काम पर लौटे, तो बिजली पूवर्वत हुई। हड़ताल वापस नहीं होता तो नागपुर का बड़ा हिस्सा अंधेरे में जाने की आशंका थी। हड़ताल में 90 प्रतिशत कर्मचारी सहभागी हुए थे। उपमुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस से बिजली केंद्रों का निजीकरण नहीं करने का लिखित आश्वासन मिलने के कारण हड़ताल वापस ली गई। संघर्ष समिति के संयोजक अब्दुल सादिक ने कहा कि हड़ताल वापस होने के बाद हम संविधान चौक के आंदोलन स्थल से वापस काम पर लौट आए।
उत्पादन पर सीधा असर : महावितरण, महापारेषण और महानिर्मिती तीनों कंपनियों के हजारों कामगारों के मंगलवार-बुधवार मध्य रात से हड़ताल पर जाने के कारण बुधवार शाम 6 बजे तक कोराड़ी और खापरखेड़ा बिजली निर्मिती केंद्र से सिर्फ 1 हजार 630 मेगावॉट यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ था। खापरखेड़ा में 500 मेगावॉट यूनिट की एक यूनिट शुरू थी और 210 मेगावॉट के 3 यूनिट बंद थे। कोराड़ी बिजली केंद्र में 500 मेगावॉट की एक यूनिट बंद थी। शाम छह बजे तक 1130 मेगावॉट यूनिट का ही बिजली उत्पादन हुआ था। कोराड़ी में 1178 और खापरखेड़ा में 536 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हुआ। प्रतिदिन की तुलना में बिजली उत्पादन कम होने की जानकारी है।
प्रभावित इलाके : चिंतेश्वर में रोहित्र जलने से रात में बिजली आपूर्ति खंडित हुई थी। वर्धमान नगर में एक घंटे बिजली गुल रही। मोहपा, पारशिवनी, सावनेर, गोंडखैरी में 3 घंटे से ज्यादा बिजली गायब रही। कामठी, रामटेक, मौदा, कापसी, महालगांव में 10 घंटे बिजली बंद रही। काटोल, सावरगांव और थड़ीपवनी में 2 घंटे बिजली प्रभावित रही। समिति द्वारा हड़ताल की घोषणा करने के बाद कोराड़ी के औष्णिक विद्युत केंद्र में मध्यप्रदेश के अभियंता बुलाए गए थे, लेकिन उन्हें विद्युत केंद्र के अंदर जाने नहीं दिया गया।
Created On :   5 Jan 2023 8:12 PM IST