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मंदिर मामले में हो रही दबाव की कोशिश, शिंदे बोले- इससे कोर्ट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा अयोध्या में राम मंदिर मामले को लेकर न्यायपालिका पर दबाव का प्रयास किया जा रहा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई कितना भी प्रयास कर लें लेकिन न्यायायल के निर्णय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। शुक्रवार को मारवाड़ी फाउंडेशन के कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आए श्री शिंदे पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। मंदिर मामले को लेकर राजनीति गर्मायी हुई है। संघ परिवार ने इस मामले को लेकर संसद में अध्यादेश लाने की मांग सरकार से की है। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। उधर विश्व हिंदू परिषद व अन्य संगठनों के नेतृत्व में 31 जनवरी व 1 फरवरी को धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है।
धर्म संसद के साथ साधु संत इस मामले को लेकर आक्रामक होने वाले हैं। विविध स्तर पर उठ रहे सवालों पर पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री का कहना है कि जो कुछ हो रहा है उसे सब समझ रहे हैं। न्यायालय में विचाराधीन मामले पर अधिक कुछ नहीं कहा जाता सकता है। किसी ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। न ही किसी तरह की बयानबाजी की जानी चाहिए। दबाव के प्रयास के बाद भी मंदिर निर्माण के संबंध में समाज विरोधी निर्णय नहीं लिया जाएगा। मंदिर मामले को लेकर 10 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनेवाली है।
शिंदे ने कहा है कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन दबाव डालने ठीक नहीं है। इससे पहले भी दबाव की राजनीति देखी जाती रही है। लेकिन न्याय प्रक्रिया पर सभी को विश्वास है। शिंदे ने किसी दल अथवा सरकार का नाम लिए बिना कहा कि सबकों अपनी मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में सभी समाज,धर्म की भावना का ध्यान रखने के लिए अलग से कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है।
Created On :   4 Jan 2019 9:34 PM IST