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आठ दिन में हो सकते हैं उपसरपंच पद के चुनाव
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में विगत 18 दिसंबर को हुए कुल 348 ग्राम पंचायत चुनाव में इस बार सरपंच पद का चुनाव सीधे जनता के माध्यम से हुआ है। जिले में अनेक गांव में ऐसे वरिष्ठ और स्थापित नेता सभी दलों के पास है, जो सरपंच पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन सरपंच का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने का निर्णय और अनेक स्थानों पर सरपंच पद आरक्षित हो जाने के कारण उनके सपने पूरे नहीं हो पाए। लेकिन उन्होंने उपसरपंच बनकर ग्राम पंचायत के कामकाज में अपना दखल रखने के उद्देश्य से सदस्य पद का चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए। अब वे उपसरपंच पद हासिल करने के लिए एक ओर अपने सहयोगी सदस्यों को मनाने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं के माध्यम से भी अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुटे हुए हंै। अब कितने लोगों का यह सपना पूरा होता है यह तो उपसरपंच चुनाव के दौरान ही पता चलेगा। उल्लेखनीय है कि जिले के कुल 348 ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सदस्य पद के लिए 18 दिसंबर को चुनाव तथा 20 दिसंबर को मतगणना हुई। इस बार सरपंच का चुनाव सीधे जनता के माध्यम से हुआ है। चुनाव परिणाम घोषित होने के 15 दिन के अंदर उपसरपंच पद का चुनाव होना है। लेकिन चुनाव घोषित हुए लगभग एक सप्ताह का समय बीत चुका हंै। जिसे देखते हुए अगले आठ दिनों में जिले की ग्राम पंचायतों में उपसरपंच पद का चुनाव होने की संभावना है।
जिसके चलते सभी उम्मीदवार जोड़-तोड़ की राजनीति में जुटे है, तो वहीं इस बार अनेक मतदाताओं ने युवा सरपंचों को निर्वाचित किया हंै।
ऐसे में उनके सामने मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने की चुनौती है। अनुभवी मतदाताओं का कहना है कि हमने अपना काम कर दिया है। अब निर्वाचित पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जनता के विश्वास पर खरा उतरकर दिखाना है।
अनेक ग्रापं मेंं नए समीकरण बनने की संभावना
नए वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों ने सरपंचों के साथ ही नवनिर्वाचित उपसरपंच भी पदासीन होंगे। इस बार चुनाव में कुल 348 सरपंचों के साथ 3 हजार से अधिक सदस्य ग्राम पंचायतों में निर्वाचित हुए है। अनेक स्थानों पर महिलाएं सरपंच पद पर निर्वाचित हुई हंै। ऐसे में इन ग्राम पंचायतों में पुरुष वर्ग को उपसरपंच पद का तोहफा मिल सकता है। आमतौर पर जिस पैनल का बहुमत होगा। उसी का उपसरपंच चुना जाएगा यह निश्चित होता है। लेकिन चुनाव के बाद अनेक स्थानों पर नए समीकरण भी सामने आने की संभावना जताई जा रही है। चूंकि इस बार बड़ी संख्या में मतदाताओं ने युवा सरपंचों को निर्वाचित किया हंै। ऐसे में उनके सामने मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने की चुनौती भी है।
Created On :   28 Dec 2022 6:42 PM IST