आपदा व्यवस्थापन, पिछड़ापन दूर कर नरेगा से रोज़गार निर्माण पर ज़ोर दें- पालक सचिव

डिजिटल डेस्क, वाशिम. जिले में बरसात के मौसम में यंत्रणाएं आपदा व्यवस्थापन के काम नागरिकों के सहभाग से प्रभावशाली ढंग से करें । नीति आयोग ने जिले का पिछड़ापन पहचानकर जिले का समावेश आकांक्षित जिलों में किया है । जिले का पिछड़ापन दूर करने के साथही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना से बड़े पैमाने पर प्रमाणात विकास कार्य करते समय नागरिकों का काम के चलते होनेवाला स्थलांतर रोकने हेतु रोज़गार निर्माण पर ज़ोर देने के निर्देश पालक सचिव तथा मनरेगा व अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नंदकुमार ने दिए । शुक्रवार को स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय के वाकाटक सभागृह में सम्पन्न सभा में उन्होंने जिले के आपदा व्यवस्थापन, आकांक्षित जिले और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के कार्यों का जायज़ा लिया । इस अवसर पर जिलाधिकारी शण्मुगराजन एस., जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसुमना पंत व जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह प्रमुख रुप से उपस्थित थे ।
नंदकुमार ने आगे कहा कि बरसात के दिनों में गाज गिरने का प्रमाण अधिक होता है । इसबीच जनहानी टालने के लिए नागरीक कौनसी उपययोजना करें, इस हेतु नागरीकों को लोकशिक्षा देकर आवश्यक पूर्व सूचना दी जाए । इस कारण जनहानी कम होने में मदद होंगी । साथही खोज व बचाव पथक भी सजग होने चाहिए । यदि कुछ स्थानों पर बाढ़ परिस्थिति निर्माण होने पर विभाग सजग रहकर मदद के लिए आवश्यक सामान उपलब्ध करवाएं । बाढ़ परिस्थिति में जिन गांवों का संपर्क टूटता है उन गावों के लिए पर्यायी मार्गों की सुविधा होनी चाहिए । तहसील नियंत्रण कक्ष पूर्ण क्षमता के साथ कार्यरत हो, बाढ़ में फंसे नागरीकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए गांव तथा तहसील के तैराक व्यक्तियों की सूची तैयार होनी चाहिए । समय पड़ने पर तैराक व्यक्ति मौके पर पहँुचकर मदद कार्य कर सके । जिले का पिछड़ापन पहचानकर नीति आयेाग ने जिले का समावेश पिछड़े जिले में करने की बात कहते हुए नंदकुमार ने बताया की जिले में विविध योजनाओं पर नियोजन से प्रभावशाली अमल करने पर गरीबी दूर होने में मदद होंगी और अनेक समस्या सुलझाई जा सकेंगी।
शिक्षा पर विशेष ज़ोर देने की आवश्यकता है । बालकों और महिलाओं के स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देना ज़रुरी है । कोई भी बालक कुपोषित प रहे, इस हेतु बालक और माता को सकस आहार मिलना चाहिए । इसके लिए माताआंे को मार्गदर्शन करें । बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नाविन्यपूर्ण काम करनेवाले शिक्षकों की टिम तैयार कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए । उन्होंने कहा की जिले में बड़े पैमाने पर सोयाबीन उत्पादन लिया जाता है । मनरेगा की निधि अब समय पर उपलब्ध हो रही है और मनरेगा में 263 प्रकार के काम है । बैठक को जिलाधिकारी शण्मुगराजन, जिप सीईओ सुश्री पंत ने भी सम्बोधित किया । जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी शाहू भगत ने आपदा व्यवस्थापन की जानकारी दी ।
Created On :   10 July 2022 3:45 PM IST