पुरानी सेवानिवृत्ति योजना को दोबारा लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी हुए संगठित
डिजिटल डेस्क, वाशिम. पुरानी पेन्शन योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर वाशिम में शासकीय व अर्धशासकीय कर्मचारियों के साथ ही विविध विभागों के कर्मचारी मंगलवार 14 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर चले गए, जिसके कारण सभी शासकीय कार्यालयों में सन्नाटा छाया रहा । हड़ताली कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विशाल मोर्चा भी निकाला और इस सम्बंध में ज्ञापन भी सौंपे । कर्मचारियों की हड़ताल से अपने कामकाज को लेकर कार्यालयों में आनेवाले नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा । उल्लेखनीय है की पुरानी पेन्शन योजना लागू करने की मांग को लेकर शासकीय व अर्धशासकीय कर्मचारियों ने मंगलवार को राज्यव्यापी बेमियादी हड़ताल की घोषणा की । इसी के तहत मंगलवार को वाशिम जिले में सभी शासकीय व अर्धशासकीय भी हड़ताल पर रहे ।
शासकीय व अर्धशासकीय कार्यालयाें के कर्मचारियों को पुरानी पेन्शन योजना लागू करने समेत राज्य के अनुकम्पाधारकों को बिनाशर्म तत्काल सेवा में शामिल किए जाने की प्रमुख मांग समेत अन्य मांगों को लेकर राज्यभर के कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल को अनुकम्पाधारक संघ ने समर्थन देते हुए हड़ताल में शामिल होने की जानकारी अनुकम्पाधारक संघ के प्रदेश सचिव किशोर देशमुख ने दी तथा अनुकम्पाधारक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पंकज गाडेकर के नेतृत्व में राज्य मध्यवर्ती कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अशोक दगडे को मुंबई स्थित कर्मचारी संगठन के कार्यालय मंे समर्थन को लेकर अपना पत्र भी सौंपा । उल्लेखनी है की शासकीय सेवा में कार्यरत रहते मृत हुए कर्मचारियों के परिवार के एक सदस्य को सेवा में शामिल किए जाने की शासन नीति है । लेकिन अल्प आरक्षण के प्रतिशत के कारण राज्य के हज़ारों अनुकम्पाधारक आज भी नौकरी की प्रतिक्षा में है लेकिन शासन इस ओर ध्यान नही दे रहा। अनुकम्पाधारक संघ की मांगों पर विचार कर कर्मचारी संगठन ने पुरानी पेन्शन योजना की मांग के साथ ही अनुकम्पाधारकों को बिनाशर्त सेवा में शामिल करने मांग की है। राज्य में अनुकम्पा नीति के अनुसार सेवा में शामिल हुए अनुकम्पाधारकों से इस आंदोलन में शामिल होने का आव्हान अनुकम्पाधारक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पंकज गाडेकर ने किया है ।
स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय, जिला परिषद, स्वास्थ्य सेवा के साथ ही सभी शासकीय व अर्धशासकीय कार्यालयों के लगभग 17 हज़ार से अधिक कर्मचारी मंगलवार 14 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर चले गए । कर्मचारियों की हड़ताल से सभी शासकीय कार्यालयाें में सन्नाटा छाया रहा ओर शासकीय कार्य ठप्प रहे । इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा भी प्रभावित हुई । पिछले कुछ समय से राज्य में पुरानी पेन्शन योजना लागू करने की मांग ज़ोर पकड़ती जा रही है । पुरानी पेन्शन योजना लागू करने के मद्देनज़र मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व राज्य के मुख्य सचिव के साथ सोमवार 13 मार्च की शाम को सम्पन्न हुई बैठक में कोई भी नतीजा न निकलने से मंगलवार 14 मार्च से जिलाधिकारी कार्यालय, जिला परिषद, जिला सामान्य चिकित्सालय व अन्य शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालयाें के 17 हज़ार से अधिक कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए । जिला परिषद व जिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से इन कार्यालयों में सन्नाटा छाया रहा और यहां मात्र 2-3 कर्मचारी ही उपस्थित थे ।
इसी प्रकार स्थानीय जिला सामान्य चिकित्सालय के अनेक कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल होने से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित ना हो तथा मरीज़ों को असुविधा का सामना ना करना पड़े, इस दृष्टि से नवागत और प्रशिक्षू विद्यार्थी और प्रशिक्षणार्थी सेवा देते नज़र आए । जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग के 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 153 उपकेंद्रे तथा 58 पशू वैद्यकीय चिकित्सालयों मंे सेवा देनेवाले कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए । ऐसे स्थानों पर एनआरएचएम व अन्य कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है । कुल मिलाकर पुरानी पेन्शन योजना लागू किए जाने को लेकर की जा रही बेमियादी हड़ताल के कारण जहां प्रशासकीय कामकाज ठप्प हो गया तो वहीं स्वास्थ्य सेवा पर भी भारी बोझ बढ़ गया । उधर दोपहर को हड़ताली कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक विशाल रैली भी निकाली, जिसमें हज़ारों की तादाद मंे कर्मचारी शामिल हुए । रैली के स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचने पर रैली को कर्मचारी नेताओं ने सम्बोधित किया और पुरानी पेन्शन योजना लागू ना होने तक हड़ताल जारी रहने की चेतावनी भी दी ।
Created On :   15 March 2023 6:19 PM IST