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सरकारी योजना से नहीं मिल रहा रोजगार, भटकने को मजबूर हुए भंडारा के किसान व मजदूर
डिजिटल डेस्क, तुमसर (भंडारा)। सरकारी योजना से मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में छोटे किसान समेत मजदूरों के पास खेती के काम पूर्ण होने के बाद काम उपलब्ध नहीं होने से परिवार की भरण-पोषण करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। जिससे अधिकांश मजदूर वर्ग अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए काम की तलाश में कुछ महीनों के लिए घर छोड़कर अन्य शहर में शरण लेते हैं। प्रशासन की ओर से इन मजदूरों पर ध्यान देकर इन्हें अन्य शहर पलायन न करना पड़े इस उद्देश से विविध योजनाओं के माध्यम से रोजगार उलब्ध कर देना की योजना शुरू है।
बीते कुछ वर्ष से यह योजना शुरू होने से मजदूर वर्ग का गांव छोड़कर अन्य शहर में जाने का प्रमाण काफी हद तक कम भी हुआ। मगर बीते वर्ष से मजदूरों को प्रशासन द्वारा योजना के तहत काम नाममात्र का मिलने से पुन: गांव के नागरिकों ने शहर की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र में शुरू रोहयों के काम में इस वर्ष मात्र 3 हजार 500 मजदूरों को ही काम मिल पाया। जबकि बीते वर्ष रोहयो योजना के तहत 11 हजार मजदूरों को प्रशासन ने रोजगार उपलब्ध कराया गया था। जिससे इस वर्ष बड़ी संख्या में तहसील के मजदूरों को रोजगार से वंचित रहना पड़ रहा है। ऑनलाइन प्रणाली के चलते भी नागरिकों को काम से वंचित रहना पड़ रहा है, ऐसा आरोप नागरिकों द्वारा लगाया जा रहा है। इससे पहले ऑफ लाइन प्रणाली में 3 चरणों में मजदूरों को काम मिला था।
97 ग्रामपंचायत अंतर्गत 105 गांव आते हैं। इस काम के लिए तुमसर पंचायत समिति में 4 कनिष्ठ अभियंता कार्यरत है। इनका कहना है कि, काम को पूर्णत: सुचारु रखने के लिए पंचायत समिति में करीब 8 कनिष्ठ अभियंता होने चाहिए। भंडारा जिले में तुमसर पंचायत समिति रोजगार गारंटी योजना के काम में अव्वल थी। 18 मई तक केवल 3 हजार 500 अकुशल मजदूरों को इस योजना के तहत काम प्राप्त हुआ है।
बीते वर्ष मई महीने तक करीब 11 हजार अकुशल मजदूरों के काम का पंजीयन हुआ था। इस वर्ष मजदूरों के लिए काम नहीं है, क्या ऐसा प्रश्न निर्माण हो रहा है। ऑनलाइन काम की अपेक्षा ऑफलाइन काम की मांग सुविधाजनक थी। ऐसा ग्रामपंचायत का कहना है, ऑनलाइन पद्धति में काम जल्दी करने की आश्यकता है। मगर ऐसा होता नहीं है। ऑनलाइन में काम की मांग करने पर वह डाटा भंडारा में जाता है। वहां से मंजूरी मिलने पर वापस पंचायत समिति में आता है। इसके बाद काम को दिशा मिलती है। इस प्रणाली में पंचायत समिति का हस्ताक्षेप नहीं है, ऐसा यहां के कर्मचारी व अधिकारी का कहना है।
नियमित रूप से नहीं मिल रहा काम
रोजगार गारंटी योजना में ग्रामपंचायत द्वारा शासन से मंजूर किए काम ही करना पड़ता है। इसमें पगडंडी रास्ता, मिट्टी के काम, मुरूम के काम ग्रामपंचायत ने किया है। नाली खोदना, नाला की सफाई आदि काम 5 वर्ष पूर्व करने पर भी लंबित है। एक बार यह काम होने पर 5 वर्ष की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। फिलहाल में ग्रामपंचायत स्तर पर काम उपलब्ध नहीं है। ग्रामविकास के लिए नए काम की खोज कर काम की सूची तैयार करने की जरूरत है।
सरकारी स्तर पर होता है निर्णय
मग्रारोहयो के काम ऑनलाइन शासन द्वारा कर दिए गए है। उसके अनुसार ऑनलाइन काम ग्रामपंचायत को करना पड़ता है। कुशल काम की निधि अभी तक नहीं आई। यह निर्णय शासन स्तर पर है। - ए.पी. मोहोड़, खंड विकास अधिकारी (तुमसर)
Created On :   24 May 2019 12:55 PM IST