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एंसेफलाइटिस ग्रस्त बच्चे को बगैर जांच रिपोर्ट किया मेयो रेफर, मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एंसेफलाइटिस से ग्रस्त ढाई वर्षीय तन्मय की मेयो में मौत हो गई। बच्चे को सोमवार को धंतोली स्थित न्यूक्लियस चिल्ड्रेन अस्पताल से मेयाे रेफर किया गया था। मेयो के पेडियाट्रिक्स विभाग प्रमुख डॉ चंद्रकांत बोकाडे के अनुसार बच्चे को बगैर जांच रिपोर्ट और ट्रीटमेंट फाइल के मेयो लाया गया था। बच्चे की हालत काफी खराब थी और दोबारा जांच करने का समय नहीं था। बच्चे के पिता धनराज नेवारी ने न्यूक्लियस चिल्ड्रेन अस्पताल प्रशासन पर बिल बकाया रहने के कारण जांच रिपोर्ट और ट्रीटमेंट फाइल नहीं देने का आरोप लगाया है।
डॉ. बोकाडे के अनुसार बिल संबंधी विवाद की स्थिति में डिस्चार्ज कार्ड रोका जा सकता था। ट्रीटमेंट फाइल और जांच रिपोर्ट नहीं होने के कारण उपचार में परेशानी आई। बच्चे का जब मेयो लाया गया, तब उसके पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। मस्तिष्क में भी सूजन थी। उसकी धड़कन धीमी थी और लगातार स्ट्रोक पड़ रहे थे। उसे तत्काल आईसीयू में भेजा गया और वेंटीलेटर भी उपलब्ध कराया गया। संप्रर्क करने के बावजूद न्यूक्लियस चिल्ड्रेन अस्पताल से किसी ने इस विषय पर अपना पक्ष नहीं रखा।
अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट साझा करने से किया इंकार
डॉ. बोकाडे के अनुसार जांच रिपोर्ट और ट्रीटमेंट फाइल के लिए न्यूक्लियस चिल्ड्रेन अस्पताल से संपर्क किए जाने के बावजूद अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया। किसी भी अस्पताल का यह रवैया समझ से परे है।
बिल में छूट का वादा
बच्चे के पिता और पेशे से मजदूर धनराज नेवारे ने बताया कि न्यूक्लियस चिल्ड्रेन अस्पताल प्रशासन ने उपचार के बिल में मुख्यमंत्री योजना के तहत छूट देने का वादा किया था, पर दिया नहीं। मैं बिल की भारी रकम तत्काल चुकाने में असमर्थ था। उसकी कीमत मुझे अपने बच्चे को खोकर चुकानी पड़ी।
छत से गिरने पर एक की मौत
घर की छत से गिरने से एक व्यक्ति मौत हो गई। घटना सक्करदरा थाना क्षेत्र में हुई। मृतक सुरजीतसिंह रतनसिंह रघुवंशी (40) निवासी बीड़ीपेठ है। पुलिस के अनुसार विगत एक वर्ष से पारिवारिक विवाद के चलते वह बीबी व बच्चों से दूर रह रहा था। काम पर भी नहीं जा रहा था। घटना के दिन वह अपनी मां के घर गया था। घर में मां और घर मालिक नहीं थे। इस बीच वह छत पर गया, जहां संतुलन बिगड़ने से वह नीचे गिर पड़ा। बुरी तरह जख्मी सुरजीत को पड़ोसी मेडिकल ले गए जहां डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित किया। पुलिस ने महेश विनोद ढेंगडे की सूचना पर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।